उदयपुर। नगर निगम दीपावली मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतिम दिन का पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रकाश आकृति द्वारा एक से एक भक्तिमय प्रस्तुतियों से निगम मेला कृष्ण की भक्ति के रंग में रंग गया।
नगर निगम सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष चंद्रकला बोल्या ने बताया कि केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शान्तिलाल चापलोत, बंशीलाल खटीक, वरिष्ठ पत्रकार मनीष जोशी, समाजसेवी दिनेश भट्ट, लाल सिंह झाला, धीरेन्द्र सच्चान, डॉ. लाखन पोसवाल, कांतिलाल जैन, निर्मल मालवीय, जितेन्द्र आंचलिया, दिलीप सुराणा, दिनेश शर्मा, विकास बारेठ, सुदर्शन देव सिंह, ललित मेनारिया, लक्ष्मीलाल कुमावत, इकराम कुरेशी, चंचल अग्रवाल, महापौर गोविंद सिंह टांक, उप महापौर पारस सिंघवी आदि द्वारा श्री गणेश जी को प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
बोल्या ने बताया कि रविवार की शाम मेले में भक्ति और शक्ति के नाम रही। कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान में बालोतरा के प्रसिद्ध भजन गायक और मायड़ थारो वो पुत कटे फेम प्रकाश माली ने मंगल भवन अमंगल हारी गाकर आराध्य प्रभु राम की भक्ति की बौछार कर की। उसके बाद श्याम, प्रभु राम आदि भजन ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। ठाकुर जी, राधा रानी, राम दरबार के भजन की प्रस्तुतियों ने एक और जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जीवनी को जीवन में उतारने का संदेश दिया वहीं दूसरी ओर देश भक्ति, महाराणा प्रताप, राजस्थान का गुणगान आदि भजनों की प्रस्तुतियो को सुन कर उपस्थित दर्शकों में देश भक्ति का ज्वार भर दिया। प्रकाश द्वारा कण कण सु गूंजे जय जय राजस्थान गीत ने उपस्थित दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
उसके बाद मंच को युवा भजन गायिका आकृति मिश्रा ने संभाला। आकृति द्वारा गाए पहले ही भजन हेला में हेलो सुनो मारी मां ने पूरे मेला स्थल को तालिया से गुंजायमान कर दिया, माता रानी के भजन पर दर्शकों ने खड़े होकर हाथ जोड़कर प्रार्थना की। आकृति ने वीर तेजाजी महाराज के भजन लिलन प्यारी जाईरी गढ़ खरनाल शेर गीत ने पूरे मेले को एक प्रेम मय वातावरण में बदल कर रख दिया।
उप महापौर सहित पार्षद खूब झूमे।
नगर निगम सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष चंद्रकला बोल्या ने बताया कि रविवार को नगर निगम दीपावली मेले में आयोजित हुई भजन संध्या में नगर निगम उप महापौर पारस सिंघवी , पार्षद लोकेश कोठारी, हेमंत बोहरा, देवेंद्र पुजारी सहित कई पार्षदों ने खूब झूम कर भजनों का आनंद लिया।
प्रकाश 20 सालों से तो आकृति 15 सालों से गा रही भजन।
भक्ति संध्या के दौरान भजन गायक कलाकारों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दोनों भजन गायक वर्षों से भजन गाकर लोगों के मन में भक्ति का ज्वार भर रहे हैं प्रकाश जहां 20 वर्षों से भजन गाकर लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं वहीं आकृति मात्र 6 वर्ष की उम्र से भजन गाना शुरू किया है प्रकाश में कई प्रसिद्ध भजन गाकर राजस्थान में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है प्रकाश ने मायड़ थारो वह पूत कठे वह एक लिंग दीवान कठे वह महाराणा प्रताप कठे गाकर जहां पूरी दुनिया में राजस्थान का नाम रोशन किया है वहीं आकृति ने अनेक ईश्वरीय भजन गाकर लोगों के मन में ईश्वर की भक्ति भारी है दोनों ने भजन के सांस्कृतिक प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की है उन्होंने कहा कि वर्तमान में भजनों में रीमिक्स को आदि जल्द ही प्रसिद्धि पाने के चक्कर में अपनाया जा रहे हैं जो की एक तरह से संस्कृत हमला है यदि इसको हमने नहीं रोका तो एक दिन हमारी संस्कृति पूरी तरह प्रदूषित हो जाएगी।
रविवार को अवकाश के कारण खूब रही भीड़
नगर निगम दीपावली मेला 2024 दिनों दिन परवान पर चढ़ रहा है। मेले में लगे झूले मेलार्थियों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं। इस बार दीपावली मेले में ऊंचा टावर झूला सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है इस झूले पर चढ़ने के बाद पूरे उदयपुर का नजारा देखा जा सकता है एवं इस में बैठने के बाद रोमांच का अनुभव होता है। खासकर युवाओं का झुकाव इसमें बैठने को ज्यादा हो रहा है इसी के साथ चांद तारा, मिकी माउस, नाव, 80 फीट ऊंचा झूला, ऑक्टोपस झूला, ड्रैगन झूला, टोरा टोरा, ब्रेक डांस झूला के साथ साथ एक से एक बढ़कर झूले मेले में लगाए गए हैं। शाम ढलते ही झूलों में बैठने की कतारें शुरू हो जाती है जो देर रात तक अनवरत जारी रहती है। बड़ों के साथ साथ बच्चों के झूले भी सभी को मोहित कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने गाया मंच से भजन
नगर निगम 2024 मेला प्रेस समिति अध्यक्ष छोगालाल भोई ने बताया कि मेले के उद्घाटन अवसर पर अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीराबाई का भजन गाकर सबको अचंभित कर दिया। उन्होंने स्वयं को लेखक एवं गीतकार कहकर भी सबको हैरानी में डाल दिया। उनके द्वारा पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन गाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। मेघवाल ने सनातन संस्कृति को दुनिया की सबसे श्रेष्ठ संस्कृति बताकर सही रूप में इसके अनुकरण कर इसके मार्ग पर चलने की सलाह भी दी।
सांस्कृतिक संध्या का समापन, मेला 4 नवंबर तक चलेगा
21 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चलने वाले दीपावली मेले में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहरवासियों ने सभी कार्यक्रमों को खूब सराहा एवं पसंद किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुक्रवार की रात को आख़िरी प्रस्तुति प्रस्तुत कि गई। शहरवासियों के मनोरंजन के लिए यह मेला 4 नवंबर तक अनवर जारी रहेगा, मेले में आने वाले झूलों के साथ साथ विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों एवं खरीददारी का लुत्फ़ ले सकेंगे।
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