तीन दिवसीय उदयपुर बर्ड फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ

तीन दिवसीय उदयपुर बर्ड फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ

कल होगा नेचर लिटरेचर फेस्टिवल

 
udaipur bird festival
वन्यजीवों व पक्षियों के प्रति समाज में जनजागरूकता पैदा करना जरूरी - सिंह

उदयपुर 21 जनवरी 2022 । मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) आर.के. सिंह ने कहा है कि वन्यजीवों और पक्षियों के प्रति समाज में जनजागरूकता पैदा करना जरूरी है, बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजन इसी प्रकार की जागरूकता पैदा करने की दिशा में की जा रही एक पहल है।

सिंह शुक्रवार को यहां सूचना केन्द्र सभागार में वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ व ग्रीन पीपल सोसायटी के तत्वावधान में तीन दिवसीय आठवें उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के औपचारिक शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।  

इस मौके पर उन्होंने कहा कि उदयपुर संभाग पर प्रकृति ने अपनी मेहर बरसा रखी है और इसी वजह से यहां पर सर्दियों की ऋतु में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां के जलाशयों पर प्रवासी पक्षियों के साथ स्थानीय पक्षियों की संख्या भी दिखाई देती है। यह भी अच्छी बात है कि इस अंचल के कई जलाशयों को सिर्फ पक्षियों के लिए ही आरक्षित कर रखा है और ग्रामीण पक्षियों की सुरक्षा करते हुए पर्यटन गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) आर.के. खैरवा ने वन विभाग के तत्वावधान में लगातार आठवीं बार बर्ड फेस्टिवल के आयोजन की बधाई दी और कहा कि अंचल में बड़ी संख्या में युवा बर्डवॉचर्स और फोटोग्राफर पक्षियों पर शोध व संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अंचल की समृद्ध जैव विविधता की सुरक्षा की दृष्टि से इस प्रकार के आयोजनों को बेहद जरूरी बताया।  

शुभारंभ समारोह में पूर्व मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष राहुल भटनागर, उप वन संरक्षक अजीत ऊंचोई, मुकेश सैनी, सूचना एवं जनसम्पर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा आदि बतौर अतिथि मंचासीन थे।

आरंभ में बर्ड फेस्टिवल संयोजक व उप वन संरक्षक अजीत ऊंचोई ने लगातार आठवें वर्ष आयोजित हो रहे बर्ड फेस्टिवल की विविध गतिविधियों के बारे में बताया और कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण फेस्टिवल की अधिकांश गतिविधियां ऑनलाइन हो रही हैं। कार्यक्रम का संचालन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के संभागीय प्रभारी अरुण सोनी ने किया।

पुस्तक का विमोचन और प्रदर्शनी का शुभारंभ

इस अवसर पर अतिथियों ने बर्ड फेस्टिवल के मौके पर प्रकाशित की गई बहुरंगी पुस्तक का विमोचन किया। ख्यातनाम पक्षी विज्ञानी डॉ. सतीश शर्मा द्वारा संपादित इस पुस्तक में देश-प्रदेश के ख्यातनाम पक्षी विशेषज्ञों ने पक्षियों और पर्यावरण संबंधित जानकारियों व शोधों का समावेश किया गया है। इस दौरान फोटोग्राफी व डाक टिकट प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया गया। फोटो प्रदर्शनी में दो दर्जन से अधिक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर द्वारा क्लिक किए गए विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के चित्रों का समावेश किया गया है। इन फोटो में प्रकृति के बीच पक्षियों की अटखेलियों का सजीव दर्शन इस प्रदर्शनी में पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है। अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इसमें प्रदर्शित विषयवस्तु की सराहना भी की।

डाक टिकटों में परिंदों का संसार

सूचना केन्द्र प्रदर्शनी स्थल पर विश्वभर में पक्षियों पर जारी किए गए डाक टिकटों की विशाल प्रदर्शनी भी प्रमुख आकर्षण का केन्द्र में इस प्रदर्शनी के तहत उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा व रवि खमेसरा द्वारा भारत सहित विश्व के 354 से अधिक देशों द्वारा जारी किए गए पांच हजार से अधिक डाक टिकटों को प्रदर्शित किया गया है। करीब 5 लाख टिकटों का संग्रह करने वाली श्रीमती खमेसरा ने पक्षी केन्द्रित प्रदर्शनी में सन् 1871 के पश्चिमी आस्ट्रेलिया के प्राचीन टिकट से लेकर 2021 के कलेक्शन में से टिकटों का चयन कर प्रदर्शित किया है।  

ये भी रहे मौजूद

इस अवसर पर सेवानिवृत्त डीएफओ ओ.पी.शर्मा, प्रताप सिंह चुण्डावत, पर्यावरण प्रेमी मेजर दुर्गादास, डीएफओ इकबाल सिंह, शैतान सिंह देवड़ा व चंद्रपाल सिंह, एसीएफ कन्हैयालाल शर्मा व गणेशी लाल गोठवाल, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के संभाग प्रभारी अरुण सोनी, एसबीआई की संपर्क अधिकारी प्रीति मुर्डिया सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी एवं पक्षी विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

कल होगा नेचर लिटरेचर फेस्टिवल

वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, इंडिया व ग्रीन पीपल सोसायटी के तत्वावधान में तीन दिवसीय आठवें उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को सुबह 11 से 1 बजे तक नेचर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन होगा।

बर्ड फेस्टिवल संयोजक व उप वन संरक्षक अजीत ऊंचोई ने बताया कि ऑनलाइन आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में मुख्य वक्ता डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के वन्यजीव निदेशक डॉ. दीपांकर घोष तथा बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के निदेशक डॉ. बिस्वास पांडव होंगे। इस दौरान ऑनलाइन कार्यक्रम में ही पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप जोशी, शरद अग्रवाल, रजत चोर्डिया व कनिष्क कोठारी द्वारा बर्ड फेस्टिवल विषय पर पिछले 7 वर्षों के अनुभव साझा किए जाएंगे। फेस्टिवल का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह 23 जनवरी को सुबह 11 से 1 बजे तक ऑनलाइन आयोजित होगा।

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