ज्योतिबा फुले की जन्म जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई


ज्योतिबा फुले की जन्म जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई

ज्योतिबा फुले समाज सुधारक, दार्शनिक व लेखक थे- दिनेश माली 

 
jyoti ba phule jayanti

उदयपुर। ज्योतिबा फुले जयंती महोत्सव सर्व ओबीसी समाज महापंचायत और ज्योतिबा फुले टीचर्स ट्रेनिंग कालेज उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ज्योतिबा फुले सर्कल, माली कोलोनी 100 फीट रोड, उदयपुर में धूमधाम से मनाई गई। 

प्रवक्ता नरेश पूर्बिया ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकेश चौधरी ने की। मुख्य वक्ता संस्थापक दिनेश माली थे। मुख्य अतिथि मनोहर चौधरी अध्यक्ष गेराज समिति नगर निगम उदयपुर थे। विशिष्ट अतिथि दिवाकर माली निदेशक ज्योतिबा फुले टीचर्स ट्रेनिंग कालेज, संरक्षक रमाकांत सुथार, पी एस पटेल, सूर्य प्रकाश सुहालका, भंवर लाल सुहालका, बाल कृष्ण सुहालका, मोनिका गुर्जर पार्षद, मणी बेन पटेल, पी एस सालवी, बाबू लाल गावरी, सुख सम्पत बागड़ी थे। 

मुख्य वक्ता संस्थापक दिनेश माली ने अपने उद्बोधन में कहा कि ज्योतिबा फुले का जन्म 11अप्रेल 1827 में पुणे में चिमनाबाई व गोविंद राव फूले के घर हुआ। ज्योतिबा फुले समाज सुधारक, दार्शनिक एवं लेखक थे, 19 वी सदी में दमनकारी सामाजिक संरचना को चुनौती देते हुए अपना जीवन समर्पित किया। इन्होंने दलित समुदाय व महिलाओं के अधिकार के लिए संघर्ष किया। ज्योतिबा फुले ने 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की। जिसका अर्थ है सत्य को चाहने वाला समाज। संगठन का उद्देश्य दमनकारी जाती व्यवस्थाओं को चुनौती देना। और हाशिए पर रहने वाले समुदाय की सामाजिक स्थितियों में सुधार करना। सत्यशोधक समाज ने शिक्षा को बढ़ावा दिया और सामाजिक आर्थिक समानता की वकालत की। ज्योतिबा फुले ने महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। सन् 1848 में पुणे में लड़कियों के शिक्षा दिलाने हेतु प्रथम विधालय खोला। 

ज्योतिबा फुले का मानना था समाज के समग्र विकास के लिए महिला शिक्षा अति आवश्यक है। फुले ने समाज सुधार के कई कार्य किए जैसे छूआछूत को मिटाना, सती प्रथा समाप्त करना, बाल विवाह बंद करना, विधवा पुनर्विवाह की वकालत की। फुले ने शिक्षा व रोजगार के लिए महिला पुरूष को समान अवसर प्रदान करना के प्रयास किए।

कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र सेन ने किया। कार्यक्रम में चिन्मय चौधरी, अजय चांगवाल, कृतिका माली, पवन पटेल, प्रमोद पटेल को विशिष्ट उपलब्धियों हेतू उपरणा ओढ़ाकर, स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम में भेरु लाल कलाल, नरेश पूर्बिया,राणा जायसवाल, ललित सुहालका,अखिलेश सुहालका, डी पी लक्षकार, नितिन चौधरी, दुर्गेश मेवाड़ा, यशवंत प्रजापत, लोकेश मोरी, मेघाराम मोबारसा, राजीव सिंह, डॉ गणेश कलाल, भारत माली, अजय चांगवाल, प्रियांशु शर्मा, भावेश सुथार, संजय सिंह चारण, अशोक लोहार, हिरा लाल पटेल, शीतल वैष्णव, प्रमोद पटेल, रमेश माली, घनश्याम वातरिया, अशोक मेवाड़ा उपस्थित थे। 

महिला संगठन से धरावती सुहालका, मधुबाला पूर्बिया, सुनीता सुहालका, दीपमाला मेवाड़ा, मंजू सुथार, रमीला लौहार, मंजू लखारा, शांता पटेल सहित कई मातृशक्ति उपस्थित थीं। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद दिवाकर माली ने दिया।  

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