वर्चुअल महाराणा कुंभा संगीत समारोह से पहली बार जुडे़ंगे देश भर के संगीत प्रेमी

वर्चुअल महाराणा कुंभा संगीत समारोह से पहली बार जुडे़ंगे देश भर के संगीत प्रेमी

57 वर्ष में देश भर के ख्यातनाम 1500 से अधिक संगीतज्ञों ने लिया भाग

 
वर्चुअल महाराणा कुंभा संगीत समारोह से पहली बार जुडे़ंगे देश भर के संगीत प्रेमी

पहले दिन 25 दिसंबर को जयपुर के प्रोजेक्ट गंगानी दल का विशिष्ट कत्थक नृत्य

दुसरे दिन 26 को  मुंबई की प्रसिद्ध कलाकार अर्चिता भट्टाचार्य का शास्त्रीय गायन

अंतिम दिन  27 दिसंबर को मुम्बई की पद्मभूषण डॉ. एन. राजन का वॉयलियन वादन की प्रस्तुतियां

उदयपुर। महाराणा कुंभा संगीत परिषद द्वारा अपनी स्थापना से लेकर अब तक 57 वर्ष की संगीत यात्रा में कुंभा संगीत समारोह के माध्यम से भारतीय संगीत,वाद्यों एंव नृत्य की विभिन्न विधाओं के माध्यम से 1500 से अधिक संगीतज्ञों ने भाग लेकर शहर के संगीतप्रेमियों को रूबरू कराया, लेकिन कोरोना के चलते पहली बार हुआ 58वां तीन दिवसीय अखिल भारतीय महाराणा कुंभा संगीत समारोह 25 दिसंबर से पहली बार वर्चुअल आयोजित होगा।

परिषद के मानद सचिव डाॅ. यशवन्त कोठारी ने बताया कि कोरोना के कारण ही सही,ऐसा पहली बार होगा कि इस समारोह से देश भर के संगीत प्रेमी इस समारोह से जुड़ कर इसका आनन्द लें सकेंगे। वुर्चअल आयोजित होने वाले इस समारोह के सफल आयोजन के लिये देश भर के रजनीतिज्ञों, संगीतप्रेमियों, संगीतज्ञों ने अपनी शुभकामनायें प्रेषित की है।  

उन्होंने बताया कि परिषद् भारतीय संस्कृति के विकास के क्रम में प्रति वर्ष उदयपुर में तीन दिवसीय अखिल भारतीय स्तर पर महाराणा कुम्भा संगीत समारोह आयोजित करवाती है जिसमें देश के चोटी के कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। संगीत संध्याओं, संगोष्ठियों एवम् कई अन्य कार्यक्रमों का संचालन करवाती है। गत वर्षों में भारत के 1500 से भी अधिक सर्वोच्च शास्त्रीय संगीत गायक, वादक एवं नर्तक हमारे मंच को सुशोभित कर चुके हैं।

डाॅ. कोठारी ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी से लड़ते हुए संगीत प्रेमियों की यही दिली ईच्छा थी कि 57 वर्ष से निरन्तर चला आ रहा क्रम इस वर्ष न टूटे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए परिषद ने संगीत प्रेमियों की भावनाओं की कद्र करते हुए यह समारोह वर्चुअल रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया।
 

यह समारोह भले ही वुर्चअल आयोजित हो रहा हो लेकिन परिषद ने इसकी गरिमा को बनायें रखने का प्रयास किया और इस वर्ष भी देश के ख्यातनाम संगीतज्ञ इसमें भाग ले रहे है।  उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी एक स्मारिका का प्रकाशन किया जा रहा है, जिसका समारोह में विमोचन किया जायेगा।  

अब तक 1500 से अधिक संगीतज्ञों ने लिया भाग- डाॅ. कोठारी ने बताया कि 57 वर्ष की इस संगीत यात्रा में पंडित ओंकारनाथ ठाकुर, उस्ताद अमजद अली खान, उस्ताद बिस्मिल्ला खां, पंडित किशन महाराज, शरण रानी, पण्डित विनायक राव पटवर्धन, पंडित जसराज, पंडित भीमसेन जोशी, प्रभा आत्रे, गिरजा देवी, पंडित रविशंकर, सितारादेवी, उस्ताद जाकिर हुसैन, कुमार गंधर्व, पंडित विश्व मोहन भट्ट,पंडित शिवकुमार शर्मा, राजन साजन मिश्रा, पंडित बिरजू महाराज, सोनल मानसिंह, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित अजॉय चक्रवती, डॉ मल्लिका साराभाई, परवीन सुल्ताना आदि कलाकारों ने भाग लेकर समारोह के मंच की शोभा बढ़ायी।  

पहले दिन 25 दिसंबर को जयपुर के प्रोजेक्ट गंगानी दल का विशिष्ट कत्थक नृत्य, दुसरे दिन 26 को  मुंबई की प्रसिद्ध कलाकार अर्चिता भट्टाचार्य का शास्त्रीय गायन एवं अंतिम दिन  27 दिसंबर को मुम्बई की पद्मभूषण डॉ. एन. राजन का वॉयलियन वादन की प्रस्तुतियां होगी।

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