7 राज्यो का पारंपरिक व्यंजन बढ़ा रहा कॉर्निवाल की रंगत
उदयपुर 19 दिसंबर 2019। पर्यटन नगरी उदयपुर में पहली बार उदयपुर हॉस्पिटैलिटी एंड कैटरिंग कॉन्क्लेव और इंडियन फूड कार्निवल - 2019 का आगाज गुरुवार को 100 फिट रॉड स्थित अशोक ग्रीन में हुआ। कॉन्क्लेव का उद्घाटन फूड सेफ्टी एंड राइट टू हेल्थ राजस्थान सरकार के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉक्टर सुनील सिंह ने फीता काटकर किया।
इस दौरान उदयपुर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान वैष्णव, हॉस्पिटैलिटी परचेसिंग मैनेजर्स फ़ोरम के राजस्थान प्रेसिडेंट संजय चतुर्वेदी, यूसीसीआई उपाध्यक्ष मनीष गलुण्डिया, ओरियंटल पैलेस रिसोर्ट डायरेक्टर डॉ. श्रृद्धा गट्टानी, दिनेश शर्मा, मुकेश माधवानी भी मौजूद रहे। इस तीन दिवसीय आयोजन को एग्जिबिशन इंडिया 20-20, लक्ष्मी पब्लीसिटी एंड डिजिटल, एच एंड एच 20-20 और एम स्क्वायर की ओर से आयोजित किया जा रहा है।
कॉन्क्लेव के मार्केटिंग डायरेक्टर अमित भसीन ने बताया कि कॉन्क्लेव में खासतौर से उदयपुर की होटल इंडस्ट्री की हॉस्पिटैलिटी में उपयोग आने वाले किचन एक्यूपमेंट, पोस एंड होटल हॉस्पीटीलिटी टेक्नोलॉजी, फूड एंड बेवरेज एसेसरिज, फूड डेकोर एंड फूड डिस्प्ले एक्यूपमेंट, फास्ट फूड किचन एक्यूपमेंट, मॉकटेल एसेसरिज, हाउस कीपिंग एसेसरीज, कटलरी, टेबल वेयर क्लाथ, शेफिंग डिश, लांड्री, होटल रूम की सजावट मे उपयोग आने वाले बेड, गद्दे, टीवी, इलेक्ट्रोनिक केटल जैसी कई वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है।
सह- आयोजक विकास जोशी ने बताया कि कॉन्क्लेव के साथ ही आयोजित हो रहे इंडियन फूड कार्निवाल - 2019 में गुजरात का खमण ढोकला, पंजाब का छोले कुल्छा, पनीर भुर्जी, बैंगन का भर्ता, उत्तर प्रदेश का मुरादाबादी दाल, आलू मट्ठे की सब्जी और बेडवा पूरी, राजस्थान की बाटी, चूरमा, ढोकला दाल, हरियाणा का मट्ठे का साग, बाजरे की रोटी लोनी घी के साथ, साउथ का मसाला और चीज डोसा, इडली ओर साथ मे सेजवान और नारियल चटनी के जमकर चटखारे लगे।
कॉन्क्लेव में हिस्सा ले रही दिल्ली की मुन्नी लाल तंदूर कंपनी 1965 में स्थापित हुई थी, और वर्तमान में इनकी तीन पीढ़ियां इस व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला चुकी है। स्वयं मुन्नी लाल बताते हैं कि उनके पडदादा स्व. कन्हैयालाल ने भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अफगानीयो की सहायता से पहला तंदूर बनाया था। उसके बाद उनके बेटे स्वर्गीय नन्हे राम ने इस काम को संभाला और अभी मुन्नी लाल के साथ उनके बेटे राजू और राहुल इस व्यवसाय को संभाल रहे हैं।
पहले जहां भारत में इनके 90% ग्राहक और विदेश में 10% ग्राहक थे वही मुन्नीलाल ने तंदूर व्यवसाय को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है, कि 90% ग्राहक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और 10% ग्राहक इनके भारत में है। इन तन्दूर की खास बात यह भी है इनके तंदूर की बनावट को जरूर बदला है, लेकिन अंदर का कोर मटेरियल मिट्टी का ही बनाया जाता है, जिस पर ब्रास, कॉपर, स्टील ओर लोहे का आवरण चढ़ाया जाता है। तन्दूर को 1000 डिग्री सेल्सियस तक पकाया जाता है। इस तंदूर को कई होटलों में 18 से 20 घंटे तक लगातार चलाने पर भी इस तंदूर को कोई नुकसान नहीं होता।
होटल इंडस्ट्री में कई तरह की वस्तुओं के साथ ही वहां की स्वच्छता भी खासी अहमियत रखती है। ऐसे में बुज़िल रोज़ारी विशेष तौर से ग्रीन केमिकल इजाद कर ऐसे उत्पाद तैयार करती है, जो पर्यावरण और प्रकृति के साथ ही त्वचा को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
कंपनी के राजस्थान के ट्रैटरी मैनेजर अखिलेश कुमार बताते हैं, कि कंपनी हाउस कीपिंग, किचन, लॉन्ड्री, हैंड वॉश, सैनिटाइजर की संपूर्ण रेंज उपलब्ध करवाती है, तो वही नॉर्थ इंडिया के एरिया सेल्स मैनेजर प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में कंपनी भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान सहित अन्य देशों के होटल में पिछले 6 साल से अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है,ओर यह कम्पनी इको लेवल सर्टिफाइड है।
जोधपुर से कार्निवाल में हिस्सा लेने पहुंचे विएसजी इक्यूपमेंट के दीपक शर्मा ने बताया कि उनकी कम्पनी बर्नर, फ्रिज, स्टील टेबल, सिंक, डोसा तवा, रोटी तवा, वाटर कूलर, स्टील ट्रॉली सहित एक कमर्शियल किचन को बनाने के लगभग 500 तरह के प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर करती है।
सुरक्षा की दृष्टि से अपने प्रोडक्ट में टाटा सी क्लास की गैस पाइप का उपयोग करते हैं, जो गवर्नमेंट अप्रूव्ड है। इनके इलेक्ट्रिक आइटम पर थर्मोस्टेट लगाया जाता है, जो एक निश्चित तापमान को ऑटोमैटिकली नियंत्रित करता है। कंपनी का उद्देश्य है कि क्वालिटी पर काम करते हुए और प्रमाणित मानकों के आधार पर इक्विपमेंट तैयार कर मेक इन इंडिया मैं अपनी भागीदारी निभाएं।
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