कचौरी सिर्फ उदयपुर की नहीं बल्कि पूरे राजस्थान की सबसे प्रसिद्ध और शानदार स्ट्रीट फूड है। कचौरी आपको राजस्थान के हर गली-कूचे में मिल जाएगी। इन कचौरियों के अंदर मसाला भरकर डीप फ्राई करके कुरकरे स्नैक की तरह परोसा जाता है। कचौरी कई तरह की होती है जैसे दाल, प्याज, दही कचौरी, आलू और न जाने कितने प्रकार की।
चटनी के साथ परोसा जाने वाला ये स्नैक आपको उदयपुर की किसी भी स्ट्रीट में मिल जाएगा। कचौरी राजस्थान का ऐसा स्ट्रीट फूड है जो बिल्कुल भी महंगा नहीं है। लेकिन अगर आप स्वादिष्ठ कचौरी की दुकान ढूंढ रहे हैं तो आप पुराने शहर स्थित जगदीश मंदिर रोड पर श्रीनाथ रेस्टोरेंट या श्रीनाथ कचौरी से कचौरियों का स्वाद चख सकते हैं। यहां कचौरी केवल 15 रुपए में दी जाती है।
श्रीनाथ कचौरी के संचालक हेमंत खत्री ने बताया कि उनकी यह दुकान सन 1905 में उनके दादा जी संचालित करते थे तब यह दुकान दुकान दूध, दही के लिए काफी लोकप्रिय थी। दादा जी के बाद उनके पिता जी ने इस दुकान को संभाला सन 1983 में उनके पिता जी की मृत्यु के बाद उन्होंने इस दुकान को किराए पर दिया था कुछ सालों के लिए 2 अक्टूबर 1997 में उन्होंने फिर से इस दुकान में कचौरी बेचना शुरू किया। इनके यहां कचौरी के साथ-साथ स्वादिष्ट समोसे, खमण, गुलाब जामुन और अन्य मिठाईयां एवं नमकीन, पोहे आदि भी मिलते हैं।
इनकी कचौरी की क्या खासियत हैं?
हेमंत खत्री कहते है की हम कचौरी बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखते है की बेसन और दाल का जो रेश्यो होता है वो बिलकुल सही और बराबर होना चाहिए। वे 70% दाल और 30% बेसन का मिश्रण रखते है। वे बताते है की हम अच्छी क्वालिटी के उपकार के मसालों को काम में लेते है जेसे की हींग, कस्तूरी मैथी नागौर की इस प्रकार के वे सभी अच्छे मसालो का प्रयोग करते है। यही कचौरी को जायकेदार बनाते हैं। कचोरी को बांधने के बाद
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