गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एडवांस एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड मशीन का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गीतांजली ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अंकित अग्रवाल ने रिब्बन काटकर किया एवं साथ ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी हेतु बनाई गयी पुस्तिका का भी विमोचन किया गया|
इस अवसर पर डीन जीएमसीएच डॉ डी.सी कुमावत, सी.ई.ओ प्रतीम तम्बोली, डॉ वाई.एन वर्मा, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टर्स व अन्य विभागों के डॉक्टर्स व स्टाफ उपस्तिथ रहा|
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ पंकज गुप्ता, डॉ धवल व्यास, डॉ मनीष दोडमानी, जी.आई सर्जन डॉ कमल किशोर बिश्नोई ने एडवांस एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड मशीन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड ये एक एडवांस एंडोस्कोपी प्रोसीजर है| इस प्रोसीजर के दो लाभ हैं पहला बीमारी के बारे में पता लगाना व दूसरा इसके द्वारा बीमारी का इलाज करना| इसलिए इसे दो भागों में विभाजित किया गया है 1) डायग्नोस्टिक 2) थेरेपेटिक| प्रायः ये प्रोसीजर एंडोस्कोपी की तरह ही होता है जिसमें बिना कोई चीरफाड़ किये मुंह के द्वारा दूरबीन को डाला जाता है और रोगी को न्यूनतम एनेस्थीसिया देकर 15-20 मिनट में प्रोसीजर को पूरा किया जाता है, इसके बहुत से लाभ हैं| कई अंग जोकि सोनोग्राफी में पता नही चलता जैसे पित्त की नली का आखरी भाग यदि उसमें कुछ छोटे स्टोन हों, पेनक्रियाज़ में गाँठ होने पर समय रहते पता लगना, पेनक्रियाज़ में सूजन आने से पानी भर जाने की स्थिति में बिना ऑपरेशन के इस एंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गाँठ को बाहर निकाला जा सकता है| यदि किसी गाँठ को लेकर आशंका है कि जिसकी सी.टी स्कैन व एम.आर.आई करने के बाद भी उस गाँठ को देखने के लिए इस एंडोस्कोपी के माध्यम से रोगी की बायोप्सी कर सकते हैं| अर्ली कैंसर की गाँठ की स्टेजिंग का पता लगा सकते हैं| एंडोस्कोपी से ही रोगी का इलाज किया जा सकता है जिससे वह बड़े ऑपरेशन से बच सकता है|
साथ ही खाने की नली में अर्ली कैंसर स्टेजिंग का पता लगाना, ह्रदय और फेफड़ों के बीच की जगह की गाँठ का भी इसके माध्यम गाँठ का सैंपल लिया जा सकता है, पेट के कैंसर की स्टेजिंग संभव है, पित्त की थेली में छोटे स्टोन का भी पता लगया जा सकता है या कैंसर हो का पता लगया जा सकता है|
जिन बिमारियों का डायग्नोज़ एम.आर.आई या सी.टी स्कैन से नही हो पता ऐसे में यह एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड से पता लगाया जा सकता है|
जीएमसीएच के सी.ई.ओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि गीतांजली हॉस्पिटल में विश्वस्तरीय एडवांस तकनीकों के इस्तेमाल से यहाँ आने वाले रोगियों को सतत् 16 वर्षों से इलाज किया जा रहा है| इस एडवांस मशीन से यहाँ आने वाले राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आर.जी.एच.एस) के लाभार्थियों व अन्य रोगियों को इस तकनीक का लाभ मिल सकेगा व इसके डायग्नोज़ के चलते रोगी बड़े ऑपरेशन से भी बच सकेंगे|
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