चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में नियमित टीकाकरण की दिशा में लक्ष्यों के अनुरूप बेहतर काम हुआ है। भावी पीढ़ी की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित हो। एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से नहीं छूटे। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग विभिन्न नवाचारों के माध्यम से लक्ष्य हासिल करेगा।
श्रीमती सिंह शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में नियमित टीकाकरण के लिए गठित स्टेट टास्क फोर्स की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नियमित टीकाकरण का लक्ष्य राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। इसे हमें अब शत-प्रतिशत टीकाकरण की ओर लेकर जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जिलों में निर्धारित लक्ष्यों से कम टीकाकरण रहेगा, वहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
स्कूली बच्चों के टीकाकरण का रिकॉर्ड
अतिरिक्त मुुख्य सचिव ने स्कूूलों में पढ़ने वाले बच्चों के होलिस्टिक रिकॉर्ड में टीकाकरण सहित अन्य शारीरिक जानकारियां शामिल करने की कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल व विद्यार्थियों के लिए बनाए जाने वाले होलिस्टिक डेटाबेस को चिकित्सा विभाग के पीसीटीएस सॉफ्टवेयर से जोड़कर जॉइंट एक्सेस सुविधा शुरू की जाएगी। इस समेकित सिस्टम से सभी विद्यार्थियों के टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य पैरामीटर की जानकारी मिलना सुलभ हो जाएगा। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग दोनों को मिल सकेगी और 10 एवं 16 वर्ष की उम्र में जरूरी टीके लगाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा।
त्रिस्तरीय व्यवस्था से बढ़ाएंगे टीकाकरण
श्रीमती सिंह ने टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के तहत स्कूली स्तर पर तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से टीकाकरण अभियान को गति दी जाएगी। साथ ही जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, सीएमएचओ की तथा उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी, बीसीएमएचओ की जिम्मेदारी तय करते हुए टीकाकरण को बढ़ाएंगे।
माइक्रो प्लानिंग से हासिल करें लक्ष्य
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए शिक्षा, महिला बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, अल्पसंख्यक मामलात, ईएसआई विभाग तथा संबंधित एजेंसियों के समन्वय एवं सहयोग से माइक्रो प्लानिंग की जाए। इसमें तकनीक का भी उपयोग करते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए ताकि एक भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि 10 दिसम्बर से प्रदेश के 24 जिलों में आयोजित होने वाले उपराष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पर अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाए।
आमजन को करें जागरूक
श्रीमती सिंह ने कहा कि बच्चों में सम्पूर्ण टीकाकरण के लिए शिक्षा विभाग अहम भूमिका निभा सकता है। राजकीय स्कूलों में नो बैग डे एवं पेरेन्टस-टीचर मीटिंग आदि अवसरों के माध्यम से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग भी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को टीकाकरण के लिए जागरूक करे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों में धर्म गुरूओं द्वारा अपील तथा मदरसों में अभिभावकों के साथ चर्चा कर टीकाकरण के प्रति जनचेतना जाग्रत की जा सकती है। इसी प्रकार ईएसआई विभाग फैक्ट्रियों एवं अन्य औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को बच्चों के टीकाकरण के लिए प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण को लेकर सोशल मीडिया आदि माध्यमों से भ्रांति फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि जिला कलेक्टर्स के माध्यम से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के तय लक्ष्य से पीछे रहने वाले जिलों में विशेष फोकस किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इन जिलों में आईईसी गतिविधियां बढ़ाने पर भी बल दिया।
समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग के निदेशक श्री रामावतार मीना ने बताया कि नियमित टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त मिशन निदेशक श्रीमती प्रियंका गोस्वामी, निदेशक आरसीएच डॉ. लोकेश चतुर्वेदी, परियोजना निदेशक टीकाकरण डॉ. रघुराज सिंह तथा शिक्षा, महिला बाल विकास, अल्पसंख्यक मामलात, पंचायतीराज विभाग सहित डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, नीपी, यूएनएफपीए आदि संस्थाओं केे प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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