गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैंसर सेंटर द्वारा 3 माह पूर्व ट्यूमर बोर्ड का गठन किया गया था, जिसके द्वारा मात्र 3 माह में कैंसर से पीड़ित 100 रोगियों का इलाज कर उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया इनमें मुख्यतः जो कैंसर के प्रकार पाये गए वह हैं: भोजन नली, ब्रेस्ट, सरविक्स ओवरी गायनी, लीवर, दिमाग, प्रोस्टेट, हड्डी, पेट, थायराइड, फेफड़े, ब्लैडर, त्वचा, आंख, लिम्फोमा, ट्रिपल मलिग्नांस शामिल है।
जैसा की विदित है विश्व के विख्यातम कैंसर हॉस्पिटल्स में ट्यूमर बोर्ड द्वारा ही निर्णय लिया जाता है अतः यह अभ्यास अब जीएमसीएच के कैंसर सेंटर में भी जारी है। गीतांजली के ट्यूमर बोर्ड में कुशल व प्रशिक्षित ऑन्कोलॉजी टीम में डॉ. ए. के. गुप्ता, डॉ. अंकित अग्रवाल, डॉ. आशीष जाखेटिया, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. मीनल भंडारी, डॉ. किरण चिगुरुपली, डॉ. अरुण पांडेय शामिल है।
एक ही छत के नीचे मेडिसिन, सर्जिकल एवं रेडिएशन ऑंकोलॉजी की टीम उपलब्ध है जहां रोगी को किस तरह का इलाज देना लाभदायक रहेगा, यह निर्धारित किया जाता है। इस मीटिंग के दौरान पेशेंट व उसके परिवार जन भी सम्मिलित रहते हैं तथा डॉक्टर से हर तरह का सवाल जवाब कर सकते हैं।
डॉक्टरों की टीम द्वारा सर्वोतम इलाज प्रणाली पर निर्णय लिया जाता है। इस ट्यूमर बोर्ड के गठन के बाद कई जटिल ऑपरेशन, पुनरावृत्ति को ब्रेकीथेरेपी के द्वारा ठीक किया गया, इसी प्रकार रेडिएशन द्वारा भी रोगी का इलाज किया गया, जिसमें की रोगी को कम परेशानी तथा कम समय में इलाज किया गया।
ट्यूमर बोर्ड में अंतरराष्ट्रीय दिशा निर्देशो पर चर्चा की जाती है एवं उसी के मुताबिक इलाज कैसे किया जाए यह तय किया जाता है, खासकर ऐसे केस जो बहुत ही जटिल है।
जी.म.सी.एच के सी.ई.ओ प्रतीम तंबोली ने बताया की गीतांजली कैंसर सेंटर में कोई भी पेशेंट आ सकते हैं, तथा उनके लिए हर तरह के ज्यादातर सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध हैं जिससे कि पेशेंट को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता एवं नवीनतम तकनीकों द्वारा इलाज किया जाता है।
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