फतहसागर में पर्यावरण संवर्धन के लिए विकसीत होगें 15 से 20 फिट उंचे माउंड

फतहसागर में पर्यावरण संवर्धन के लिए विकसीत होगें 15 से 20 फिट उंचे माउंड

हिन्दुस्तान जिंक ने बहुत ही कम समय में स्वैच्छा से झीलों के सरंक्षण में अपना योगदान देने की जिम्मेदारी उठाई है, फतहसागर क्षमतावर्धन परियोजना अनुकरणीय पहल है जिसमें प्रत्येक शहरवासियों को अपना सहयोग देना चाहिए। यह बात जिला

 

फतहसागर में पर्यावरण संवर्धन के लिए विकसीत होगें 15 से 20 फिट उंचे माउंडहिन्दुस्तान जिंक ने बहुत ही कम समय में स्वैच्छा से झीलों के सरंक्षण में अपना योगदान देने की जिम्मेदारी उठाई है, फतहसागर क्षमतावर्धन परियोजना अनुकरणीय पहल है जिसमें प्रत्येक शहरवासियों को अपना सहयोग देना चाहिए। यह बात जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने पर्यावरण दिवस से पूर्व फतहसागर पेटे में चल रहे क्षमतावर्धन कार्य के अवलोकन के दौरान अनोपचारिक समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक ने गंभीरता से लेते हुए इस कार्य को किया है जो कि प्रशंसनीय है। उन्होंने शहर की झीलों के सरंक्षण में सामुहिक पहल के लिए आव्हान किया।

अवलोकन के दौरान यूआईटी सचिव उज्जवल राठौड़, निदेशक माइंस एण्ड जियोलाॅजी जेके उपाध्याय, झील सरंक्षण समिति के अध्यक्ष तेज राजदान, अनिल मेहता, हिन्दुस्तान जिंक निदेशक कामर्शियल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी फर्टिलाईज़र अमिताभ गुप्ता, डायरेक्टर ऑपरेशन्स लक्ष्मण शेखावत एंव अन्य झील प्रेमियों ने झील सरंक्षण के बारें में चर्चा की । फतहसागर में पर्यावरण सरंक्षण के लिए झील में 15 से 20 फिट उंचे माउंड बनाने, कैमरे लगाकर गंदगी फैलाने वालों पर नज़र रखने ताकि लोग स्वयं जागरूक हो और चेतावनी देने के उद्धेश्य, झीलों के किनारें से गंदगी हटाने सहित अन्य झील संवर्धन पर चर्चा की गयी।

हिन्दुस्तान जिंक के अमिताभ गुप्ता ने कहा कि उदयपुर शहर में जल सरंक्षण की पहल के लिए हिन्दुस्तान ज़िंक सदैव कटिबद्ध है एवं इस प्रकार के पुनित कार्य के लिए हम प्रत्येक स्तर पर सहयोग के लिए तत्पर है। हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा उदयपुर शहर अपनी विश्व प्रसिद्ध झीलों को साफ रखने के लिए उदयपुर के पहले 20 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को यूआईटी के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित है। अब कंपनी दो और एसटीपी जोड़कर अपनी क्षमता 60 एमएलडी तक बढ़ा रही है।

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हिन्दुस्तान जिंक के लक्ष्मण शेखावत ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी हमेशा हिंदुस्तान जिंक का एक मुख्य ध्येय रहा है और जल संरक्षण हमारी प्राथमिकता रही है, यह देखते हुए कि हम राजस्थान के कम जलस्तर वाले शहरों में से एक हैं और हमारी झीलें हमारे प्राण है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखते हुए और सामुदायिक सेवा पहल के तहत, नगर विकास प्रन्यास के साथ मिलकर कंपनी ने फतेहसागर झील के सूखने पर उसे गहरी कर क्षमतावर्धन करने की परियोजना शुरू की है।

चूंकि फतेहसागर झील उदयपुर शहर के पर्यटन की जीवन रेखा है और निवासियों के लिए पीने के पानी का एक प्रमुख स्रोत होने के चलतें, इसके स्थायी प्रबंधन की पहल अनिवार्य है। डिसिल्टिंग प्रक्रिया झील के जलग्रहण क्षेत्र को बढ़ाकर गहरा कर देगी, जिससे बारिश के मौसम में अधिक पानी के जमा होने की संभावना होगी, जिससे कमजोर मानसून के समय में पानी को संरक्षित किया जा सकेगा। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा 2 – 2.5 लाख क्यूबिक मीटर फतेहसागर झील की क्षमतावर्धन का कार्य करेगी। यह जलाशय की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रमुख पहल है जिसके लिए कंपनी द्वारा अच्छी, सुरक्षित कार्यप्रणाली एवं उपयुक्त उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित कर रही है। यूआईटी के साथ मिलकर इस मई माह मे इस पहल की शुरूआत की गयी है जो कि मानसून की शुरुआत से पहले पूरी हो जाने की उम्मीद है। इस परियोजना पर हिंदुस्तान जिंक लगभग 2 करोड़ रु खर्च कर रहा है।

इस अवसर पर झील सरंक्षण प्रेमी, हिन्दुस्तान जिंक से एचआर हेड कविता सिंह, उपमुख्य वित्त अधिकारी स्वयं सौरभ, हेड कार्पोरेट अफेयर्स केसी मीणा, हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन प्रधुम्न सौलंकी, सुनिल वशिष्ट, एसएम शर्मा सहित अन्य कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थें।

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