उदयपुर। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने पार्षदों का आव्हान किया कि जनता ने शहर में भाजपा का लगातार छठां बोर्ड बनाकर पार्टी एवं पार्षदों पर जिम्मेदारियों का जो कर्जा चढ़ाया है उसे अब उदयपुर को हर क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने कार्यो के जरिये ले जाकर चुकायें।
वे आज उदयपुर जिला वैश्य महासम्मेलन द्वारा हिरणमगरी सेक्टर 4 स्थित लायन्स भवन में आयोजित नव निर्वाचित वैश्य पार्षद सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें जो भी पद मिलता वह शहर व देश के समुचित विकास के लिये मिलता है। हमें यह स्वीकार करना चाहिये कि देश में शुचिता नहीं है। जो कुछ भी कार्य करें वह शहर व देश के विकास को ध्यान में रखकर करें।
इस अवसर पर उप महापौर पारस सिंघवी ने कहा कि ने अगले 5 वर्षो में सभी 70 पार्षदों को साथ लेकर शहर को जनता के सपनों का शहर बनाने में कोई कमी नहीं रखूँगा। उन्होंने कहा कि मुझ पर कोई भी 1 भी रूपयें का आरोप साबित कर दें तो मैं राजनीतिक व सामजिक जीवन में सन्यास लेकर अपने गुरू के चरणों में चला जाउंगा। पिछले 5 वर्षो में निगम को सही ठेकेदार नहीं मिल पाने के कारण जनता की पार्टी से नाराजगी रही जिस कारण जंहा इस बोर्ड में 65 पार्षद आने चाहियें थे वहीं वह संख्या 44 पर आ कर रूक गयी, लेकिन अगले 5 वर्षो में शहर में ऐतिहासिक कार्य कर एक कीर्तिमान स्थापित किया जायेगा।
पूर्व महापौर रजनी डांगी ने कहा कि समाज के लोगों का मनोबल बढ़ाना और समाज में व्याप्त कुरीतियां समाप्त करना हम सभी का दायित्व है। निवर्तमान महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि जो भी समय मिलें उसे पत्थर की लकीर बनाने का प्रयास करना चाहिये। जीवन में कभी शाॅर्टकट नहीं अपनाना चाहिये क्योंकि वह हमेशा दुखदायी होता है।
डूंगरपुर सभापति व उदयपुर जिला वैश्य महासम्मेलन के संरक्षक के.के.गुप्ता ने कहा कि इस बार वैश्य समाज के 16 पार्षदों ने जीत हासिल कर इस बोर्ड में अपना 25 प्रतिशत दबदबा बनाया है। काम करने की मन में ईच्छाशक्ति होनी चाहिये। सम्मान निकाय का नहीं काम का होना चाहिये। पार्षद की पहिचान उसके कार्यो से होनी चाहिये।
उदयपुर जिला वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष अनिल नाहर ने प्रारम्भ में कहा कि आने वाले समय में समाज मांगलिक एवं अन्य प्रकार के कार्यो में दिखावें की प्रवृत्ति को कम करनें, मांगलिक कार्यो में बनने वाले व्यंजनों की संख्या 21 तक सीमित करनें, झठन न डालनें की प्रवृत्ति को बंद करने का प्रयास किया जायेगा। शीघ्र ही 51 अनाथ जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने पिछले कुछ वर्षो में समाज द्वारा किये गये कार्यो की रूपरेखा रखी। समारोह को आलोक पगारिया ने भी संबोधित किया।
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