नाट्यांश सोसायटी की 21 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश-2018’’ का आगाज़


नाट्यांश सोसायटी की 21 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश-2018’’ का आगाज़

उदयपुर की नाट्य संस्था नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स की ओर से 21 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश-2018’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ 19 मई, 2018 से शहर के महाराष्ट्र भवन, भूपालपुरा शुरू हुआ। इस कार्यशाला मे प्रशिक्षण का कोई शुल्क नहीं रखा गया है

 
नाट्यांश सोसायटी की 21 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश-2018’’ का आगाज़

उदयपुर की नाट्य संस्था नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स की ओर से 21 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला ‘‘तराश-2018’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ 19 मई, 2018 से शहर के महाराष्ट्र भवन, भूपालपुरा शुरू हुआ। इस कार्यशाला मे प्रशिक्षण का कोई शुल्क नहीं रखा गया है।

इस नाट्य कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को रंगमंच के क्षेत्र से जोड़ना रंगमंचीय कला में रुचि पैदा करना, बालकों की रचनात्मकता को बढ़ावा देना एवं अभिनय के क्षेत्र में रूचि रखने वाले युवाओं की अभिनय कला को निखारने के लिए और उन्हें अभिव्यक्ति देने के लिए मंच प्रदान करना है |

इस का आयोजन शहर के नाट्य संस्थान नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एण्ड परर्फोमिंग आर्ट्स की ओर से किया जा रहा है। 23 दिवसीय प्रस्तुति परक इस कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों के द्वारा तैयार किए नाटक का मंचन किया जाएगा।

प्रतिभागियों मे सभी आयु वर्ग के लोग है जिसमी स्कूली विध्यार्थियों के अलावा कामकाजी और घरेलू महिलाओ के साथ-साथ शिक्षक, और अन्य नौकरी पेशा लोग भी शामिल है।

कार्यशाला के एक प्रतिभागी, जो सरकारी स्कूल के अध्यापक है, का कहने है, “मैं अध्यापक जरूर हूँ पर यहा एक प्राथमिक कक्षा का छात्र बन कर आया हूँ“। वही कॉलेज मे कभी नुक्कड़ नाटक करने वाली एक प्रतिभागी ने कहा, “यह कार्यशाला मेरे लिए मेरे पीछे छूटे हुये शौक को पुनर्जीवित करने के एक माध्यम कि तरह है इसलिए अपनी बेटी के साथ मैंने भी इसमे भाग लिया“। नृत्य और संगीत कि साधिका जो एक लंबे समय से मंच से तो जुड़ी है, पर इस कार्यशाला के माध्यम से उनको रंगमंच से जुडने का अवसर मिला है।

इस नाट्य कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को रंगमंच के क्षेत्र से जोड़ना, रंगमंचीय कला में रुचि पैदा करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना एवं अभिनय के क्षेत्र में रूचि रखने वाले युवाओं की अभिनय कला को निखारने के लिए और उन्हें अभिव्यक्ति देने के लिए मंच प्रदान करना है |

कार्यशाला 10 जून तक चलेगी, समय सुबह 8 से 10 बजे रहेगा जिसमें अभिनय, अभिव्यक्ति, संगीत और तकनीकी पहलुओं का समावेश होगा साथ ही स्पीच एण्ड डिक्शन, वॉइस मोड्युलेशन, इम्प्रोवाइजेशन, बोडी-मुवमेंट और ऑब्ज़र्वेशन के माध्यम से अभिनय की बारिकीयों को समझाया जायेगा । इस कार्यशाला के समापन पर एक नाटक की प्रस्तुति भी की जायेगी। नाटक के मंचन के उपरान्त सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जायेगें ।

पंजीयन महाराष्ट्र भवन मे शाम को 6 से 8 बजे कराया जा सकता है|

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