खादी मेले में खादी का धागा और कपड़ा कैसे बनता है इसकी जानकारी भी दी जा रही है

खादी मेले में खादी का धागा और कपड़ा कैसे बनता है इसकी जानकारी भी दी जा रही है

नगर निगम में चल रहा है खादी मेला

 
khadi mela

उदयपुर 24 दिसंबर 2022 । नगर निगम प्रांगण में चल रहे खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी मेले में सर्दी के तेवर तीखे होने के साथ ही खरीदारों की भीड़ भी बढ़ी है।

प्रदर्शनी संयोजक गुलाब सिंह गरासिया बताया कि 2-3 दिन से सर्दी ने अपने तेवर दिखाने शुरू किए तो शहरवासी मेले की तरफ आकर्षित होना शुरू हुए हैं। पिछले 2-3 दिनों से सर्दी में गर्मी का एहसास होने से शहरवासियों का खादी मेले की तरफ रुझान कम देखने को मिला था। प्रदर्शनी प्रांगण में आने वाले आगंतुकों को खादी का धागा और कपड़ा कैसे बनता है इसकी जानकारी भी दी जा रही है।

मेला प्रांगण के प्रवेश द्वार पर ही खादी निर्माण संघ भूपालपुरा के दो अमर चरखे लगे हुए हैं। जिन्हें शीला यादव और देवली बाई यादव संचालित करती है। उन्होंने बताया कि इन चरखो में आठ से दस कौण लगते हैं। इनमें रूई लगाई जाती है। उसके बाद चरखे को हाथ से चलाया जाता है और कौण के साथ चलने वाली रुई धागे के रूप में नीचे लगे कोणों में लपेटा जाती है। 

मेले में आने वाली कई महिलाएं पुरुष चरखे और धागों के बारे में जानकारी भी ले रहे हैं। यह अमर चरखे लकड़ी के नहीं होकर लोहे के बने हुए हैं। इन्हें आसानी से चलाया जा सकता है। ये चलने में काफी हल्के भी होते हैं। शीला यादव ने बताया कि वह भी स्वरोजगार के तहत चरखा चलाने का काम करती है। घरेलू कामकाज निपटाने के बाद वह चरखा चलाती है और डेढ़ सौ से दो सौ रुपए दिन में कमा लेती है।

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