उदयपुर के पलाश कुंज में मनाया द्वितीय पलाश पुष्पन महोत्सव

उदयपुर के पलाश कुंज में मनाया द्वितीय पलाश पुष्पन महोत्सव

पलाश के उत्पादन को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों की आजीविका से जोड़े-भट्ट

 
palash pushpan utsav

उदयपुर 21 मार्च 2022 । वन विभाग द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर सोमवार को गिर्वा के किटोड़ा गांव स्थित दईमाता के पास पलाश कुंज में द्वितीय पलाश पुष्पन महोत्सव संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) वेंकटेश शर्मा ने की जबकि विशिष्ट अतिथि जिला कलक्टर ताराचन्द मीणा व संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर.के.सिंह थे।

मुख्य अतिथि भट्ट ने यहां पलाश के पेड़ की सघनता एवं आच्छादित फूलों को देखकर प्रसन्नता जाहिर की तथा पलाश के पेड़ों की सुरक्षा, संधारण करने एवं इसके उत्पादन को बढ़ाते हुए इसे स्थानीय आदिवासियों की आजीविका से जोड़ने का आह्वान किया। साथ ही जंगलों में पलाश के पेड़ों का अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने पर जोर दिया।

जिला कलक्टर मीणा ने यहां की समृद्ध जैव विविधता की तारीफ करते हुए पलाश के पेड़ों की  पर्यावरणीय उपयोगिता के बारे में बताते हुए पलाश संरक्षण की दृष्टि से इस आयोजन को महत्त्वपूर्ण बताया और इसे बढ़ावा देने की बात कही।

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक शर्मा ने विश्व वानिकी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला तथा वनों को बचाने का संकल्प लिया। संभागीय मुख्य वन संरक्षक सिंह ने वन क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न प्रजातियों जैसे खैर, आंवला, बेर, कटकरंज, गुलमोहर, आदि के रेंज पर स्तर पर किये गये बीज संग्रहण की उपयोगिता बताते हुए जंगल में उपलब्ध हो रहे बीजों को संभाग की सभी रेंज में संग्रहित करने के निर्देश दिये, ताकि विभागीय नर्सरियों में गुणवत्तायुक्त स्वस्थ पौधे तैयार किये जा सके।

आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. महेश दीक्षित ने पलाश के पेड़ों के पत्तों, फूलों, छाल, बीज व लकड़ी का मनुष्य के जीवन में धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व बताते हुए आयुर्वेद चिकित्सा में इनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया गया।

उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पलाश के फूलों के खिलने का समय मार्च से अप्रेल, लगभग दो महीने का रहता है। पर्यटक एवं प्रकृति प्रेमी इस पलाश वेली के सौन्दर्य का आनन्द लेने तथा पहाड़ों की गोद में स्थित दईमाता के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते है। अन्त में वन संरक्षक आर. के. जैन ने सभी का आभार जताया।

इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक आर.के.खैरवा, वन संरक्षक आर.के.जैन, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी व डी.के. तिवारी, सहायक वन संरक्षक सुशील कुमार सैनी व ओ.पी.सुथार, क्षेत्रीय वन अधिकारी महेन्द्र सिंह चुण्डावत, सेव द गर्ल चाइल्ड की ब्रांड एंबेसडर डॉ.दिव्यानी कटारा, सेवानिवृत वन अधिकारी वी.एस. राणावत, प्रताप सिंह चुण्डावत, डॉ.सतीश शर्मा, बृज किशोर शर्मा, वनकर्मी, मीडियाकर्मी, किटोडा व काया स्कूल के विद्यार्थी, वन सुरक्षा समिति लई एवं क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

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