उदयपुर, 14 मार्च, वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त राजस्थान के लक्ष्य की ओर अग्रसर स्वास्थ्य विभाग ने इस कड़ी में एक और कदम बढ़ाया है। अब क्षय रोगियो को खोजने के लिए घर घर जाकर लोगो की स्क्रीनिंग की जाएगी जिसमे ऐसे लोग जिनको 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार, वजन में कमी, कमजोरी इत्यादि लक्षण है उनके बलगम के सैंपल लेकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जॉच करवाई
जायेगी। इस कार्य में सहयोग के लिए पीरामल हेल्थ की तरफ से 8 विशेष वाहनों का काफिला तैयार किया गया है। इस काफिले को आज जिला कलेक्टर श्री ताराचंद मीणा ने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर उदयपुर जोन संयुक्त निदेशक चिकित्सा डॉ जुल्फिकार अली काजी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा एव पीरामल हेल्थ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस मौके पर संयुक्त निदेशक डॉ जुल्फिकार काजी ने बताया की टीबी के उन्नमुलन के लिए जरूरी है की ज्यादा से ज्यादा लोगो की बलगम जांच कर एक्टिव रोगियो को ढूंढा जाए। कई व्यक्ति लक्षणों की जानकारी के अभाव में टीबी रोग की जांच नही करवा पाते है। ऐसे में देरी होने की वजह से परिवार एव समुदाय के अन्य लोगो में संक्रमण के खतरे के साथ साथ रोग की जटिलताएं बढ़ने की भी संभावना रहती है। इसलिए रोगी की समय पर जॉच एव उपचार शुरू होना काफी महत्वपूर्ण है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा ने बताया की उदयपुर जिले में एक्टिव रोगियो को खोजने के लिए पीरामल हेल्थ के सहयोग से संचालित इन 8 वाहनों से एक्टिव रोगियो को खोजने के कार्य में काफी तेजी आएगी। इन वाहनों से जिले के विभिन्न खंडों के गांव गांव ढाणियों में जाकर टीबी के लक्षणों वाले संभावित रोगियो की जांच हेतु बलगम का सैंपल उनके घर पर ही जाकर लिया जाएगा। गौरतलब है की चिकित्सा एव स्वास्थ्य विभाग 2025 तक टीबी मुक्त राजस्थान के लक्ष्य को हासिल करने के लिए टेस्ट एंड ट्रीट तकनीकी को अपनाकर क्षय उन्नमूलन की दिशा में प्रयासरत है।
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