ए.ई.ओ. सर्टीफिकेशन से निर्यात लागत एवं समय की बचत
आयातकों एवं निर्यातकों के लिये ”अधिकृत आर्थिक आॅपरेटर कार्यक्रम” (आॅथराईज्ड इकोनाॅमिक आॅपरेटर प्रोग्राम) विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन यूसीसीआई के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में किया गया। इस बैठक में सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त एस.सी. अग्रवाल, जीएसटी आयुक्त सी.के. जैन, जीएसटी संयुक्त आयुक्त पियूष भाटी, जीएसटी अतिरिक्त आयुक्त के.सी. शर्मा, सीमा शुल्क उपायुक्त ए.के. सिंह एवं सीमा शुल्क अधीक्षक सीमा अग्रवाल ने भाग लिया।
“समय के साथ सरकार की सोच में बदलाव आया है। अब सरकारी विभाग व्यवसाय को नियंत्रित करने के बजाय विभिन्न सुविधाएं मुहैया करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं किन्तु जानकारी के अभाव में व्यवसायी इन सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ नहीं उठा रहे हैं।” उपरोक्त विचार कस्टम्स आयुक्त एस.सी.अग्रवाल ने यूसीसीआई में व्यक्त किये।
आयातकों एवं निर्यातकों के लिये ”अधिकृत आर्थिक आॅपरेटर कार्यक्रम” (आॅथराईज्ड इकोनाॅमिक आॅपरेटर प्रोग्राम) विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन यूसीसीआई के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में किया गया। इस बैठक में सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त एस.सी. अग्रवाल, जीएसटी आयुक्त सी.के. जैन, जीएसटी संयुक्त आयुक्त पियूष भाटी, जीएसटी अतिरिक्त आयुक्त के.सी. शर्मा, सीमा शुल्क उपायुक्त ए.के. सिंह एवं सीमा शुल्क अधीक्षक सीमा अग्रवाल ने भाग लिया।
बैठक के आरम्भ में अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने सीमा शुल्क विभाग तथा जीएसटी विभाग के अधिकारियों तथा सभी आयातकों एवं निर्यातकों का यूसीसीआई में स्वागत करते हुए कहा कि यूसीसीआई का फोकस यंग स्टार्ट-अप को व्यवहारिक बनाने पर केन्द्रीत है। देश की जीडीपी में ग्रोथ युवा स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देकर ही सम्भव है। पूर्वाध्यक्ष बी.एच. बापना ने अपने सम्बोधन में निर्यात प्रक्रिया सम्बन्धी दिक्कतों के निराकरण के लिये विभाग के अधिकारियों के सकारात्मक सहयोग की प्रशंसा की।
सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त एस.सी. अग्रवाल ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ए.ई.ओ. (अधिकृत आर्थिक आॅपरेटर) कार्यक्रम का उद्देश्य कम समय एवं कम लागत में निर्यात को बढावा देना है। ए.ई.ओ. सर्टीफिकेशन प्राप्त आयातक अथवा निर्यातक के कन्टेनर को कस्टम्स द्वारा बार-बार चेक करने की प्रक्रिया से राहत प्रदान करने के साथ ही शीघ्र क्लीयरेन्स उपलब्ध कराया जाता है। अग्रवाल ने निर्यातकों से अपनी समस्याएं बिना संकोच के विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखने का आग्रह किया।
सीमा शुल्क उपायुक्त ए.के. सिंह ने पावर पाॅईन्ट प्रेजेनटेशन के माध्यम से ए.ई.ओ. प्रोग्राम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिंह ने बताया कि योजना को निर्यातकों के लाभार्थ सरल बनाया गया है तथा प्रतिमाह एक कन्टेनर का इम्पोर्ट अथवा एक्सपोर्ट करने वाला उद्यमी भी ए.ई.ओ. सर्टीफिकेशन प्राप्त कर सकता है।
जीएसटी आयुक्त सी.के. जैन ने अपने सम्बोधन में बताया कि विभाग द्वारा ईमानदार करदाता को विशेष वरीयता दिये जाने का प्रावधान किया गया है।कार्यशाला के दौरान ए.ई.ओ. सर्टीफिकेशन प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया समझाने के साथ ही निर्यातकों से आवेदन पत्र भरवाये गये। बैठक के दौरान विभिन्न निर्यातक फर्मो के प्रतिनिधियों द्वारा निर्यात सम्बन्धी समस्याएं प्रस्तुत करते हुए सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों द्वारा सीधे परिचर्चा की गई। इस दौरान राजसमन्द जोन में सीमा शुल्क सम्बन्धी प्रकरणों के बारे में जेके टायर के अनिल मिश्रा द्वारा विभाग के अधिकारियों के साथ खुली परिचर्चा के दौरान विभिन्न मुद्दों एवं लम्बित प्रकरणों के बाबत् भी विचार विमर्श किया गया।
बैठक में प्रश्नकाल के दौरान सीमा शुल्क एवं निर्यात पर रिफण्ड प्राप्त करने ए.ई.ओ. प्रमाणीकरण सम्बन्धी विभिन्न मुद्दों पर निर्यातकों द्वारा विभाग के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की गई। बैठक का संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव केजार अली ने किया। बैठक में यूसीसीआई के पूर्वाध्यक्ष बी.एच. बापना, मुकेश मोदी, पवन तलेसरा, कपिल सुराणा, हितेष पटेल आदि सदस्यों ने भी विचार रखे। बैठक के अन्त में उपाध्यक्षा डाॅ. अंशु कोठारी ने सभी को आभार ज्ञापित किया।
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