उदयपुर 25 फरवरी 2025। राजस्थान जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन के बाद लागू नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण इलाकों में अब ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी जन्म और मृत्यु की 30 दिवस बाद और 1 वर्ष के भीतर की घटना के लिए प्रमाण-पत्र बनवाने की अनुमति देंगे। पहले यह अनुमति खंड विकास अधिकारी की ओर से दी जाती थी।
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त निदेशक पुनीत शर्मा ने बताया कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 (संशोधित 2023) के क्रम में राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 (संशोधित 2025) अधिसूचना का राजस्थान राजपत्र में प्रकाशन के बाद विधानसभा के पटल पर रखी गई। जिसमें प्रमुख संशोधन किए गए हैं।
शर्मा ने बताया कि जन्म-मृत्यु अधिनियम में संशोधन लागू होने से प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि में जारी होंगे। जिससे शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन होगा और ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना देने पर 1 रुपए विलंब शुल्क देय था नवीनतम संशोधन के तहत अब यदि घटना की सूचना 21 दिवस बाद पर 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार को दी जाती है तो 20 रुपए विलंब शुल्क देय होगा।
यदि घटना की सूचना 30 दिन बाद पर 1 वर्ष के भीतर दी जाती है तो 50 रुपए एवं घटना की सूचना 1 वर्ष बाद देने पर 100 रुपए विलंब शुल्क देय होगा। आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग चिकित्सा संस्थानों की ओर से जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिन से अधिक विलंब करने पर या सूचना समय पर नहीं देने पर पूर्व में 50 रुपए की पेनल्टी का प्रावधान था। जिसे बढ़ाकर अब 250 रुपए एवं अधिकतम एक हजार रुपए की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। जन्म-मृत्यु के विलम्बित रजिस्ट्रीकरण में नोटरी सत्यापन को समाप्त कर अपील का प्रावधान किया गया है।
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