गृहमंत्री कटारिया के हाथों उदयपुर में अन्नपूर्णा दूध योजना शुभारम्भ


गृहमंत्री कटारिया के हाथों उदयपुर में अन्नपूर्णा दूध योजना शुभारम्भ

प्रदेश भर में स्कूली बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ सुस्वास्थ्य एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भ की गई अन्नपूर्णा दूध योजना का जिला स्तरीय शुभारम्भ गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कटारिया ने सोमवार को शहर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में गुब्बारे उड़ाकर, सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा विद्यार्थियों को दूध पिलाकर योजना का विधिवत शुभारम्भ किया।

 
गृहमंत्री कटारिया के हाथों उदयपुर में अन्नपूर्णा दूध योजना शुभारम्भ

प्रदेश भर में स्कूली बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ सुस्वास्थ्य एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए प्रारम्भ की गई अन्नपूर्णा दूध योजना का जिला स्तरीय शुभारम्भ गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कटारिया ने सोमवार को शहर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में गुब्बारे उड़ाकर, सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा विद्यार्थियों को दूध पिलाकर योजना का विधिवत शुभारम्भ किया।

श्री कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में की गई बजट घोषणा के अनुसार सरकारी स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना अन्तर्गत अन्नपूर्णा दूध योजना प्रारम्भ की गई है, इसमें विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहतर शिक्षा के साथ उनके उचित पोषण एवं स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार स्कूली बच्चों के बेहतर भविष्य को लेकर सदैव तत्पर है और आज के दौर में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के बेहतर आयाम व नवाचारों के साथ स्वास्थ्य पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

होगा दोहरा लाभ

कटारिया ने कहा कि इस योजना से न केवल बच्चों को पोषण मिलेगा बल्कि दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। कक्षा एक से पंाच तक प्रति छात्र डेढ़ सौ मिलीलीटर एवं कक्षा छः से आठ तक प्रति छात्र दो सौ मिलीलीटर गर्म दूध की व्यवस्था मिड डे मील योजना के तहत की जाएगी। दूध की सप्लाई सहकारी दुग्ध उत्पादक संस्थाओं के माध्यम से की जाएगी। इससे गांवों में पशुपालक भी दुग्ध उत्पादन बढ़ोतरी हेतु प्रेरित होंगे। इस प्रकार बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन होने से योजना के माध्यम से दोहरा लाभ होगा।

कटारिया ने कहा कि दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु संस्था प्रधानों को निर्देर्शित किया गया है। प्रतिदिन बच्चों को वितरण से पहले दो अध्यापक स्वयं पीकर दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे तथा स्कूल बंद होेने तक दूध का नमूना भी अलग से सुरक्षित रखेंगे। उन्होंने कहा कि देश में राजस्थान पहला प्रदेश है जिसने बच्चों के पोषण हेतु दूध पिलाने की योजना शुरु की है।

3 लाख 65 हजार से अधिक बच्चे होंगे लाभान्वित

जिले में कुल 3 हजार 907 राजकीय विद्यालयों में मिड डे मील योजना संचालित हो रही है। अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत एक दिन छोड़कर एक दिन बच्चों को मिड डे मील के साथ गर्म दूध भी परोसा जाएगा। इन विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक के 2 लाख 42 हजार 623 एवं कक्षा छः से आठ तक के 1 लाख 23 हजार 364 बच्चों को निर्धारित मात्रानुसार दूध वितरण किया जाएगा।

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