"शादी कोई बच्चो का खेल नहीं" कहावत को चैलेंज करता भीलवाड़ा में हुए बाल विवाह का विडिओ

"शादी कोई बच्चो का खेल नहीं" कहावत को चैलेंज करता भीलवाड़ा में हुए बाल विवाह का विडिओ

 

कहते है शादी ब्याह कोई बच्चो का खेल नहीं। लेकिन इसी कहावत को चैलेंज करती राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की एक वीडियो सामने आई जिसने साबित किया की शादी ब्याह बच्चो का एक खेल ही है।  जी हाँ देखने में यह वीडियो एक मज़ेदार वीडियो है लेकिन इसके पीछे की सच्चाई मज़ेदार नहीं।

जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है की बच्चो की उम्र महज 10 -12 उम्र बताई जा रही हैं लेकिन इन तस्वीरों और वीडियो के आधार पर पर तोह 10-12 उम्र से भी कम के दूल्हा दुल्हन नज़र आ रहे है।  इन तस्वीरों से साफ़ जाहिर होता है बाल विवाह जैसी कुरीति आज ही राजस्थान में प्रचलित है।  इन तस्वीरो से साफ़ झलक रहा है की इस बच्चो की ज़िन्दगी के साथ क्या हो रहा है।

जिस उम्र में बच्चो को दूर पास के रिश्ते नातों की समझ नहीं, उन बच्चो को सात जन्मो के बंधन में बाँधा जा रहा है। राजस्थान में बाल विवाह की कुरीति अभी तक पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई है। आज भी राजस्थान के कई गाँवों में इस रीती के साथ बाल विवाह सम्पन करवाए जा रहे है। 

एक तरह जहाँ सरकार बाल विवाह रोकने के लिए कई कानून बना चुकी है, वही दूसरी ओर गाँवों में धड़ल्ले से बाल विवाह किया जा रहा है।  गाँव के लोगो को कानून से मानो जैसे कोई वास्ता ही ना हो। उन्हें पूरी करनी है तो सिर्फ रस्म रीती रिवाज जो न जाने कितनी सदियों से चले आ रहे है। जिस उम्र में बच्चो को पढ़ना लिखना चाहिए खेल कूद के दिन वही उनके परिवार जन उन्हें विवाह के बंधन में बांध देते है।  यही कुरीति का मामला सामने आया है राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में दो बच्चो को शादी की जोड़ी में बांध रहे हैं।  

जिस उम्र में इनकी शादी हो रही है उस उम्र में बच्चो को रिश्ते नाते के बारे में सही से पता नहीं होता उसी उम्र में पति पत्नी के रिश्ते के बारे में क्या ज्ञान होगा।  वर्तमान में जहाँ देश इतनी तरक्की कर रहा है वही आज भी देश के कई हिस्सों में बाल विवाह क़ानूनी अपराध है जानते बुझते हुए है इस कुरीति को बढ़ावा मिल रहा है।  

( इस न्यूज़ को फेसबुक, शेयर पोस्ट के ज़रिये अपने बात रखे की सरकार को इन कुरीति पर क्या कड़े कदम रखने चाहिए ? हलाकि कई कानून है लकिन उन कानून के परे खुले आम इस अपराध को बढ़ावा मिल रहा है।  हो सकता है आपके सुझाव हमारे इस प्लेटफार्म के ज़रिये सरकार तक पहुँच जाए )

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