जिंक द्वारा रेला में बाल दिवस पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण


जिंक द्वारा रेला में बाल दिवस पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

बाल दिवस के अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय रेला में स्माइल ऑन व्हील्स की स्वास्थ्य टीम द्वारा निःशुल्क स्वास्थय परिक्षण एवं उपचार किया गया। 
 
जिंक द्वारा रेला में बाल दिवस पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
’विश्व मधुमेह दिवस’ के अवसर पर देवपूरा में जागरूकता कार्यक्रम
 

हिन्दुस्तान जिंक एवं स्माईल फाऊंडेशन के सहयोग से स्माइल ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट का संचालन किया जा रहा है। बाल दिवस के अवसर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय रेला में स्माइल ऑन व्हील्स की स्वास्थ्य टीम द्वारा निःशुल्क स्वास्थय परिक्षण एवं उपचार किया गया। 

डा शिवशंकर मीणा द्वारा विद्यालय के छात्रों का स्वास्थय परीक्षण किया गया। उन्होनें कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अभिभावकों के साथ ही समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है। 

उन्होंने बताया कि माह अक्टूबर से फरवरी तक मौसम में बदलाव होने के कारण सर्दी जुकाम बच्चों के साथ बड़ों में भी ज्यादा देखने को मिलता है । इस दौरान सर्दी जुकाम वाले मरीज को खांसी अथवा छींक के दौरान रूमाल का प्रयोग करना चाहिए । घर में भी तौलिया का प्रयोग अलग अलग होना चाहिए। 

इस अवसर पर स्माइल फाऊंडेशन के समन्वयक नवनीत श्रीवास्तव ने कहा कि एक स्वस्थ बच्चा स्वस्थ समाज के साथ स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में महतवपूर्ण भूमिका निभाता है । कार्यक्रम के दौरान लगभग 150 बच्चों की स्वास्थ्य जांच  तथा 80 बच्चों को दवाएं प्रदान की गयी । 

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अंजू भटनागर, एएनएम मुमताज, पंकज कलाल, बद्री लाल मीणा, प्रकाश चन्द, वर्षा, कल्पना आमेटा,  कमल चन्द, सुन्दर जी, फिरोज, अम्बा लाल, दुर्गा मेघवाल आदि लोग उपस्थित रहे ।

’विश्व मधुमेह दिवस’ के अवसर पर देवपूरा में जागरूकता कार्यक्रम

स्माइल ऑन व्हील्स के मेडिकल ऑफीसर डॉ शिवशंकर मीणा ने जनसमुदाय क़ो मधुमेह के बारे में जागरूकता किया। उन्होंने बताया कि बताया कि मधुमेह को डायबिटिज या शुगर के नाम से भी जाना जाता है। 

इस बीमारी में इन्सुलिन की मात्रा पर्याप्त न होने से शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। आज हमारे देश में लगभग 6 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं और दिन प्रतिदिन यह फैलती जा रही है। आमतौर पर बार बार पेशाब लगना, ज्यादा प्यास लगना, बहुत अधिक भूख लगना, वजन कम होना, थकान, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, आंखो की रोशनी कमजोर पड़ना, चोट या घाव का न सही होना आदि प्रारम्भिक लक्षण हैं।  

इस प्रकार के लक्षण दिखने पर खान पान में नियन्त्रण, संतुलित आहर का सेवन, सक्रिय जीवन शैली आदि से बचाव किया जा सकता हैं। इस दौरान पार्वती, 
कमला, बेसु, रंजना, कदुली, रुपाली भांबरी, सीमा, सूरज, प्रताप, देवा जी आदि लोग उपस्थित रहे।
 

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