नहीं पड़ी जटिल आॅपरेशन की जरुरत, जबड़े के कैंसर का रेडियोथेरेपी द्वारा उपचार


नहीं पड़ी जटिल आॅपरेशन की जरुरत, जबड़े के कैंसर का रेडियोथेरेपी द्वारा उपचार

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के रेडिएशन आॅन्कोलोजिस्ट डाॅ रमेश पुरोहित ने 83 वर्षीय रोगी के सेंट्रल आर्च (होंठ के पीछे जबड़े के मध्य भाग) में स्थित कैंसर का रेडियोथेरेपी द्वारा सफल इलाज कर रोगी को स्वस्थ किया। लगातार डेढ़ महीने की रेडियोथेरेपी से रोगी के होंठ के पीछे, जबड़े के मध्य, दाँतों की जड़ में मौजूद 4.2 सेंटीमीटर कैंसर के ट्यूमर को रेडिएशन द्वारा हटाया गया।

 

नहीं पड़ी जटिल आॅपरेशन की जरुरत, जबड़े के कैंसर का रेडियोथेरेपी द्वारा उपचारगीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के रेडिएशन आॅन्कोलोजिस्ट डाॅ रमेश पुरोहित ने 83 वर्षीय रोगी के सेंट्रल आर्च (होंठ के पीछे जबड़े के मध्य भाग) में स्थित कैंसर का रेडियोथेरेपी द्वारा सफल इलाज कर रोगी को स्वस्थ किया। लगातार डेढ़ महीने की रेडियोथेरेपी से रोगी के होंठ के पीछे, जबड़े के मध्य, दाँतों की जड़ में मौजूद 4.2 सेंटीमीटर कैंसर के ट्यूमर को रेडिएशन द्वारा हटाया गया।

सामान्य रुप से इस कैंसर का उपचार सर्जरी द्वारा किया जाता है। जिसके तहत सम्पूर्ण जबड़े को निकाल दिया जाता है। जिसके कारण रोगी का मुँह नीचे लटक जाता है। और सामान्य रुप से खाना-पीना असंभव हो जाता है। यह जटिल कैंसर होता है जिसके उपचार के बाद भी रोगी का चेहरा सामान्य नहीं हो पाता है। परंतु इस मामले में रोगी की अधिक उम्र एवं सामान्य चिकित्सा स्थितियों के कारण सर्जरी नहीं की गई और रेडिएशन द्वारा उपचार करने का निर्णय लिया गया। रेडियोथेरेपी द्वारा इलाज के बाद रोगी अब पूर्णतः स्वस्थ है। आराम से खाना खा-पी रहा है। मुँह भी पूरा खुल रहा है। और बिना परेशानी के बात भी कर रहा है। इस प्रक्रिया में डाॅ रमेश के साथ रेडिएशन आॅन्कोलोजिस्ट डाॅ किरण चिगुरुपल्ली ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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डाॅ रमेश पुराहित ने बताया कि रेडिएशन द्वारा उपचार सुरक्षित होता है। रेडिएशन द्वारा उपचार में कई तरह के विकल्प मौजूद होते है। साथ ही इस प्रक्रिया द्वारा उपचार से कैंसर का इलाज संभव हो सकता है।

रोगी अचलाराम ने बताया कि उसके होंठ के आस-पास घाव हो गया था एवं सूजन आ गयी थी। स्थानीय हाॅस्पिटल में परामर्श के बाद तीसरे चरण के कैंसर की पुष्टि हुई। जहां उन्हें उदयपुर के गीतांजली कैंसर सेंटर बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। जहां उन्होंने रेडिएशन आॅन्कोलोजिस्ट डाॅ रमेश पुरोहित से परामर्श एवं उपचार कराया।

रोगी की इच्छाशक्ति एवं जीवित रहने की प्रेरणा से ही रोगी ने इस उम्र में भी कैंसर जैसी बीमारी पर अपनी जीत दर्ज की। रोगी का इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निःशुल्क हुआ।

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