घाटों पर गंदगी व अवैध मत्स्याखेट पर जताई चिंता
पीछोला के बारीघाट पर गंदगी के अंबार एवं कई घाटों पर हो रहे मत्स्याखेट पर झील प्रेमियों ने चिंता व्यक्त की है। झील संरक्षण समिति, झील मित्र संस्थान, अभिनव विद्यालय व गांधी मानव कल्याण सोसायटी के संयुक्त संवाद में झील विज्ञानी डॉ अनिल मेहता ने कहा कि घाट ऐतिहासिक दृष्टि से एक विरासत हैं। ये पवित्र गतिविधियों व स्वच्छता के केंद्र होने चाहिए। लेकिन नासमझ लोग इन पर अतिक्रमण व गंदगी विसर्जित करते हैं।
पीछोला के बारीघाट पर गंदगी के अंबार एवं कई घाटों पर हो रहे मत्स्याखेट पर झील प्रेमियों ने चिंता व्यक्त की है। झील संरक्षण समिति, झील मित्र संस्थान, अभिनव विद्यालय व गांधी मानव कल्याण सोसायटी के संयुक्त संवाद में झील विज्ञानी डॉ अनिल मेहता ने कहा कि घाट ऐतिहासिक दृष्टि से एक विरासत हैं। ये पवित्र गतिविधियों व स्वच्छता के केंद्र होने चाहिए। लेकिन नासमझ लोग इन पर अतिक्रमण व गंदगी विसर्जित करते हैं।
झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि कतिपय लोगो की मानसिकता एवं प्रशासकीय कठोरता की कमी से झीलों में गन्दगी का आना बदस्तूर जारी है। एक और रोज झीलों को साफ करने की कवायद हो रही है वही झीलों में रोज कचरा फेका जा रहा है, यह एक दुखद स्थिति है। गांधी मानव सोसायटी के निदेशक नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि वर्षा काल मे झीलों में मत्स्याखेट को कठोरता से प्रतिबंधित करने की जरूरत है।
अभिनव संस्थान के कौशल रावल एवं वेब संचालक दिगम्बर सिंह ने कहा कि एक तरफ गरीब रोटी का मोहताज है वही झील में भारी मात्रा में रोटियां, बाफला, बाटियां आदि का नज़र आना दुर्भाग्य पूर्ण है।
संवाद पूर्व रिमझिम वर्षा के बीच पीछोला के बारीघाट पर बाफलाबाटी, रोटियां, शराब, पानी की बोतलें, थर्मोकोल, थैलो में बंद घरेलू सामग्री व जलीय घास निकाली गई।। श्रमदान में रितेश शेखावत, रामलाल गहलोत, द्रुपद सिंह, बंटी कुमावत, कौशल रावल, दिगम्बर सिंह, तेजशंकर पालीवाल व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।
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