औद्योगिक विकास के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण भी जरूरी: श्रीमति शैलजा देवल

औद्योगिक विकास के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण भी जरूरी: श्रीमति शैलजा देवल

उदयपुर, 14 सितम्बर, 2019। ”नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा एनवायरनमेन्टल कम्पनसेशन काॅस्ट लागू की गई है जिसके तहत पर्यावरण नियमों की अनुपालना नहीं करने वाले उद्योगों को तय मानकों के अनुसार भारी जुर्माना भरना पडेगा।“ उपरोक्त जानकारी श्रीमति शैलजा देवल ने यूसीसीआई में दी।

 

औद्योगिक विकास के साथ प्रदूषण पर नियंत्रण भी जरूरी: श्रीमति शैलजा देवल

उदयपुर, 14 सितम्बर, 2019। ”नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा एनवायरनमेन्टल कम्पनसेशन काॅस्ट लागू की गई है जिसके तहत पर्यावरण नियमों की अनुपालना नहीं करने वाले उद्योगों को तय मानकों के अनुसार भारी जुर्माना भरना पडेगा।“ उपरोक्त जानकारी श्रीमति शैलजा देवल ने यूसीसीआई में दी।

उदयपुर चैम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संयुक्त तत्वाधान में चैम्बर भवन के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में प्रदूषण नियंत्रण पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जयपुर की सदस्य सचिव श्रीमति शैलजा देवल मुख्य अतिथि थी।

कार्यक्रम के आरम्भ में यूसीसीआई के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी ने संगोष्ठी में उपस्थित प्रदूषण नियंत्रण मण्डल सभी अधिकारियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। सिंघवी ने पर्यावरण विभाग द्वारा नई व्हाईट केटेगरी के तहत कुछ उद्योगों को अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया से मुक्त किये जाने के लिये आभार व्यक्त किया।

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सिंघवी ने बताया कि केन्द्रीय भूजल विभाग (सीजीडबल्यूए) के तहत 1000 के लगभग अनुमतियां पेण्डिग होने की समस्या को लेकर यूसीसीआई के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट की है। सिंघवी ने सुझाव दिया कि सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये नई तकनीक के विकास पर ध्यान देना चाहिये।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी बी.आर. पंवार ने यूसीसीआई के सदस्यों एवं कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भारी जुर्माना लगाने के लिये राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को दिशा निर्देश दिये गये हैं। पंवार ने उद्योगों से ”जीरो डिसचार्ज“ मेन्टेन करने का आव्हान किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जयपुर की सदस्य सचिव श्रीमति शैलजा देवल ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा उदयपुर में वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होने के कारण ”नाॅन अटेनमेन्ट सिटी“ घोषित कर दिया है। एयर क्वालिटी इण्डेक्स में यहां पर वायु प्रदूषण का स्तर अधिक पाये जाने के कारण वायु को प्रदूषित करने वाले नये उद्योगों को अनुमति नहीं प्रदान की जायेगी। श्रीमति देवल ने उद्योगों से अधिक से अधिक संख्या में पेड लगाने का आव्हान किया जिससे उदयपुर को इस सूची से बाहर निकाला जा सके।

कार्यक्रम में संरक्षक अरविन्द सिंघल, पूर्वाध्यक्ष एम.एल. लूणावत, उपाध्यक्ष मनीश गलूण्डिया, जी.एस. सिसोदिया आदि सदस्यों ने विचार रखे। संगोष्ठी के दौरान यूसीसीआई की प्रदूषण नियंत्रण सब कमेटी के चेयरमैन पूर्वाध्यक्ष विनोद कुमट ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता उत्पन्न किए जाने पर बल दिया। उन्होंने संगाष्ठी में उपस्थित सभी उद्यमियों से पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण की सुरक्षा के संबंध में अपने सुझाव यूसीसीआई को भिजवाए जाने की अपील की।

सेमिनार में उदयपुर सम्भाग के 150 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव प्रतीक हिंगड ने किया।कार्यक्रम के अन्त में यूसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमन्त जैन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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