झील किनारे जमा मलबे – गंदगी में प्रदूषक तत्व : बरसात पूर्व हटाना जरूरी

झील किनारे जमा मलबे – गंदगी में प्रदूषक तत्व : बरसात पूर्व हटाना जरूरी

झीलों व तालाबों के भीतर डाले गए मलबे व गंदगी को हटाने के लिए किनारों पर जनसहभागिता से डिसिल्टिंग अभियान शुरू किया जाना चाहिए। यह मांग रविवार को आयोजित झील संवाद व श्रमदान कार्यक्रम में रखी गई। झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पिछोला, स्वरूप सागर, कुम्हारिया तालाब, फतेहसागर सभी जगह भारी मात्रा में किनारों पर निर्माण मलबा व अन्य गंदगी जमा है। बरसात पूर्व इसे हटाया जाना चाहिए।

 

झील किनारे जमा मलबे – गंदगी में प्रदूषक तत्व : बरसात पूर्व हटाना जरूरी

झीलों व तालाबों के भीतर डाले गए मलबे व गंदगी को हटाने के लिए किनारों पर जनसहभागिता से डिसिल्टिंग अभियान शुरू किया जाना चाहिए। यह मांग रविवार को आयोजित झील संवाद व श्रमदान कार्यक्रम में रखी गई। झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पिछोला, स्वरूप सागर, कुम्हारिया तालाब, फतेहसागर सभी जगह भारी मात्रा में किनारों पर निर्माण मलबा व अन्य गंदगी जमा है। बरसात पूर्व इसे हटाया जाना चाहिए।

डॉ अनिल मेहता ने कहा कि मलबे में प्लास्टिक, पॉलीथिन सहित अन्य प्रदूषक तत्व है। ये झीलों की जलगुणवत्ता को दूषित करते है व नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इस कचरे मलबे को हटाना झील सुधार के लिए जरूरी है। नंद किशोर शर्मा ने कहा कि डिसिल्टिंग वैज्ञानिक तरीके से की जानी चाहिए। यदि मिट्टी निकाली जाती है तो उसका उपयोग खेतों की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने में किया जाना चाहिए।

पल्लब दत्ता तथा दिगम्बर सिंह ने कहा कि झील में बाहर से ड़ाले गए मलबे को हटाने से जल भराव क्षमता में भी सुधार होगा। कुशल रावल तथा मोहनसिंह चौहान ने कहा कि जन सहभागिता से झीलों के किनारे भरे मलबे को हटाने के लिए स्वैछिक संस्थाओं को सहयोग करना चाहिए।

इस अवसर पर श्रमदान कर गंदगी को हटाया गया। श्रमदान में रामलाल गहलोत, मोहनसिंह चौहान, कुशल रावल, पल्लब दत्ता, दिगम्बर सिंह, द्रुपद सिंह, तेज शंकर पालीवाल, नंदकिशोर शर्मा, डॉ अनिल मेहता ने भाग लिया।

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