स्मार्ट सिटी की सड़क और चिकित्सा की लचर व्यवस्था से त्रस्त बच्चे की डिलीवरी सड़क किनारे

स्मार्ट सिटी की सड़क और चिकित्सा की लचर व्यवस्था से त्रस्त बच्चे की डिलीवरी सड़क किनारे

स्मार्ट सिटी में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और ग्रामीण क्षेत्रो में पक्की सड़क मार्ग के खोखले दावों की पोल खुल गई है। सरकारी लचर व्यवस्था की बानगी उस वक्त देखने को मिली जब ग्रामीण क्षेत्र में एम्बुलेंस की कमी और पगडंडी रास्ते की वजह से एक महिला को सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा। जिले के टीडी थाना क्षेत्र के सेरा ग्राम पंचायत इलाके में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को मौके पर एंबुलेंस ना मिलने पर उसकी सड़क पर डिलीवरी करानी पड़ी। स्थानीय महिलाओं ने इसके लिए महिला का पूरा समर्थन किया और चादर से ढ़क कर महिला का प्रवस कराया। प्रसव के काफी देर बाद मौके पर एम्बुलेंस पहुंची जिसका स्थानीय लोगो ने विरोध किया।

 
स्मार्ट सिटी की सड़क और चिकित्सा की लचर व्यवस्था से त्रस्त बच्चे की डिलीवरी सड़क किनारे

स्मार्ट सिटी में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और ग्रामीण क्षेत्रो में पक्की सड़क मार्ग के खोखले दावों की पोल खुल गई है। सरकारी लचर व्यवस्था की बानगी उस वक्त देखने को मिली जब ग्रामीण क्षेत्र में एम्बुलेंस की कमी और पगडंडी रास्ते की वजह से एक महिला को सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा। जिले के टीडी थाना क्षेत्र के सेरा ग्राम पंचायत इलाके में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को मौके पर एंबुलेंस ना मिलने पर उसकी सड़क पर डिलीवरी करानी पड़ी। स्थानीय महिलाओं ने इसके लिए महिला का पूरा समर्थन किया और चादर से ढ़क कर महिला का प्रवस कराया। प्रसव के काफी देर बाद मौके पर एम्बुलेंस पहुंची जिसका स्थानीय लोगो ने विरोध किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टीडी के सेरा गांव निवासी नानुडी पत्नी बद्रीलाल को रविवार दोपहर 1 बजे प्रसव पीड़ा होने लगी। और परिजनों ने चार पाई के जरिए करीब तीन किलोमीटर का पगडंडी रास्ता तय कर प्रसूता को मुख्य सड़क मार्ग तक पहुचाया । इस दौरान परिजनों ने एंबुलेंस को फोन कर बुलाया लेकिन दो घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई। इसी दौरान नानुडी को प्रसव पीड़ा होने लगी। और उसने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया। बाद में परिजनों ने 108 के जरिए महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टीडी में भर्ती कराया, जहां पर जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है।

इस संबंध में सीएमएचओ का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है जयपुर से एम्बुलेंस को कॉल करने की डिटेल मंगवा दी है लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वही पगडण्डी रास्ते से प्रसूता को मुख्य मार्ग तक लाने में भी काफी समय लग गया। स्मार्ट सिटी के दावे करने वाली सरकार चाहे राज्य में बेहतर सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं के दावे का जोर शोर से प्रचार कर रही हो लेकिन इन सेवाओं की हकीकत जनता के सामने है ।

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