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राज्य में गीतांजली बना मिर्गी सर्जरी का एकमात्र केन्द्र

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल और उदयपुर न्यूरोलोजिकल सोसायटी के साझे में दो दिवसीय एपिलेप्सी सर्जरी पर कार्यशाला आयोजित हुई। गीतांजली न्यूरोसाइंस सेंटर के न्यूरोलोजिस्ट (एपिलेप्टोलोजिस्ट) डाॅ अनीस जुक्करवाला एवं चीफ न्यूरो सर्जन डाॅ उदय भौमिक ने लाइव सर्जरी डेमोनस्ट्रेशन के माध्यम से राजस्थान में सर्वप्

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राज्य में गीतांजली बना मिर्गी सर्जरी का एकमात्र केन्द्र

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल और उदयपुर न्यूरोलोजिकल सोसायटी के साझे में दो दिवसीय एपिलेप्सी सर्जरी पर कार्यशाला आयोजित हुई। गीतांजली न्यूरोसाइंस सेंटर के न्यूरोलोजिस्ट (एपिलेप्टोलोजिस्ट) डाॅ अनीस जुक्करवाला एवं चीफ न्यूरो सर्जन डाॅ उदय भौमिक ने लाइव सर्जरी डेमोनस्ट्रेशन के माध्यम से राजस्थान में सर्वप्रथम एपिलेप्सी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे राज्य में एकमात्र मिर्गी सर्जरी केन्द्र के रुप में स्थापना की।

डाॅ अनीस जुक्करवाला ने बताया कि पूरे भारत में लगभग पाँच ही केंद्रों पर मिर्गी का सर्जरी द्वारा उपचार किया जाता है। साथ ही वह रोगी जिनकी मिर्गी दवाईयों द्वारा ठीक नहीं होती है उन्हें सर्जरी की सलाह दी जाती है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मिर्गी की बिमारी मस्तिष्क में नसों के सूख जाने, संक्रमण, सिर में गहरी चोट, घाव और अनुवांशिक कारणों से होती है। 12 साल की माया पिछले एक वर्ष से मिर्गी रोग से ग्रसित थी। बार-बार बेहोश हो जाना एवं गिरने की परेशानी से जूझ रही थी।

गीतांजली हाॅस्पिटल में परामर्श एवं विशेष तरह की एमआरआई और वीडियो ईईजी जांचों से मीसीयल टेम्पोरल स्केलोरोसिस नामक बिमारी का पता चला। जिसमें मस्तिष्क की नस पूरी तरह सूख कर सख्त हो गई थी। और दवाइयों द्वारा इलाज संभव नहीं हो पा रहा था। जिसके पश्चात् डाॅ अनीस जुक्करवाला के दिशा-निर्देश में डाॅ उदय भौमिक व डाॅ आदित्य गुप्ता एवं न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डाॅ नीलेश भटनागर ने सर्वप्रथम एपिलेप्सी सर्जरी की। इस सर्जरी से करीब 90 प्रतिशत तक रोगी पूर्णतः मिर्गी मुक्त हो जाएंगे।

डाॅ उदय भौमिक ने बताया कि मिर्गी दो प्रकार की होती है। एक वह जो सामान्य और दवाईयों द्वारा ठीक हो जाती है और दूसरी प्रतिरोधी जिसमें मस्तिष्क में कई कोशिकाएं मिलकर जरुरत से ज्यादा बिजली का उत्पादन करती है। कुल जनसंख्या के 1 प्रतिशत लोग मिर्गी जैसी बिमारी से ग्रसित होते है। परंतु जागरुक न होने के कारण इसका इलाज नहीं कराते है। इस सर्जरी द्वारा सभी मिर्गी रोगियों को जीवनदान मिलेगा। साथ ही एपिलेप्सी सर्जरी के लिए एक समर्पित एवं प्रशिक्षित न्यूरोलोजिस्ट एवं न्यूरो सर्जन की टीम जिनका एपिलेप्सी रुचि क्षेत्र हो संभव है। इस कारण ही गीतांजली सम्पूर्ण राज्य का एकमात्र केंद्र के रुप में स्थापित हुआ है।

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