राज्यपाल ने उदयपुर में किया मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी का शुभारंभ
देश के राज्यपाल माननीय श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि गांधीजी संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं, उनके विचार आज भी प्रासंगिक है और यदि हम इनको आत्मसात करें तो देश को आगे ले जाकर पुनः विश्वगुरु बना सकते हैं। राज्यपाल श्री मिश्र मंगलवार को उदयपुर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, जयपुर द्वारा महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के उपलक्ष में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय पीजी कॉलेज परिसर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी के शुभारंभ उपरांत आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उदयपुर, 15 अक्टूबर 2019 प्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि गांधीजी संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं, उनके विचार आज भी प्रासंगिक है और यदि हम इनको आत्मसात करें तो देश को आगे ले जाकर पुनः विश्वगुरु बना सकते हैं। राज्यपाल श्री मिश्र मंगलवार को उदयपुर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, जयपुर द्वारा महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के उपलक्ष में भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय पीजी कॉलेज परिसर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी के शुभारंभ उपरांत आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने मल्टीमीडिया प्रदर्शनी को आधुनिक तकनीक के सहारे गांधीजी के वैश्विक विचारों को आमजन तक पहुुंचाने का सशक्त माध्यम बताया और कहा कि गांधीजी ऐसे व्यक्ति थे जिनके रोम-रोम में भारतीयता थी, देशभक्ति आत्मसात थी। सत्य, अहिंसा जैसे नैतिक मूल्यों और सत्याग्रह के सहारे बिना किसी उपद्रव के सहारे अनशन से ऐसा माहौल पैदा किया कि अंग्रेज भी किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो गए। उन्होंने स्वदेशी को अपनाया और कुटीर उद्योग के प्रतीक चरखा, तकली, सूत के सहारे जनमानस को तैयार किया। गांधीजी के अनुसार वास्तविक लोकतंत्र गांवों में विकसित होता है और इसी पर उन्होंने ग्राम स्वराज्य पर जोर दिया जिसकी आज भी आवश्यकता है।
राज्यपाल ने गांधीजी के आत्मानुशासन के मंत्र को उद्घाटित किया और कहा कि यदि समाज से उद्दण्डता मिटानी है, समाज को नियंत्रित करना है तो आत्मानुशासन को अपनाना होगा। उन्होंने ‘अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वय, परोपकाराय पुण्याय, पापाय परपीड़नम्’ श्लोक सुनाते हुए परोपकार को अपनाने की सीख दी। इसे व्यक्तिगत जीवन में अपनाकर सामूहिक जीवन में ले जाने को भी कहा।
राज्यपाल ने कहा कि गांधीजी ने कहा था स्वावलंबी बनो। खुद का काम खुद करो। गांवों में कच्चे माल से आम जरूरत की छोटी-छोटी चीजों का निर्माण कर सकते हैं तो बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। खादी ग्रामोद्योग उसी का जीवंत प्रतीक है। इन उद्योगों के सहारे हम रोजगार देने वाले बने, हाथ फैलाने वाले नहीं। उन्होंने कहा कि आज सरकार स्टार्टअप के सहारे नौजवानों के लिए रोजगार की राह दिखा रही हैै। छोटे-छोटे नवाचारों को बल दिया जा रहा है। यह आज की आवश्यकता है और यहीं गांधीजी की भी कल्पना है।
राज्यपाल ने कहा कि गांधीजी स्वच्छता के पक्षधर थे। वे मानते थे कि स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन का आधार है और इसे जीवन में अपनाकर आगे बढ़ा जा सकता है। इन दिनों गांधीजी का यहीं स्वच्छता अभियान देश-दुनिया की रग-रग में चढ़ चुका है। गांधीजी के इसी आदर्श के सहारे स्वच्छ व स्वस्थ भारत दुनिया के सामने उभर कर आ रहा है। इस मौके पर उन्होंने गांधीजी के सांप्रदायिक सद्भाव, सामाजिक समरसता, नैतिकता युक्त जीवन, स्वभाषा का सम्मान छुआछूत उन्मूलन सहित कई आदर्शों का स्मरण करते हुए इनसे समाज को सीख लेने की अपील की।
समारोह में उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, बांसवाड़ा सांसद कनकमल कटारा और उदयपुर नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे। समारोह में स्वागत उद्बोधन बीएन कॉलेज के गुणवंतसिंह झाला ने दिया। पत्र सूचना कार्यालय, मध्यक्षेत्र, मुंबई के महानिदेशक आर.एन.मिश्रा ने प्रदर्शनी की विषयवस्तु तथा प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो जयपुर की निदेशक श्रीमती ऋतु शुक्ला ने जलयोद्धा कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की।
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समारोह को सांसद अर्जुनलाल मीणा ने भी संबोधित किया और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर हो रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया। समारोह के अंत में पत्र सूचना कार्यालय जयपुर की अपर महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने आभार व्यक्त किया।
समारोह में जलयोद्धा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल श्री मिश्र ने पांच जलयोद्धाओं को भी सम्मानित किया। इसी प्रकार राज्यपाल श्री मिश्र ने भारतीय डाक विभाग की ओर से सांप्रदायिक सद्भाव थीम पर तैयार किए गए विशेष डाक कवर का भी विमोचन किया।
इससे पूर्व राज्यपाल श्री मिश्र ने कॉलेज परिसर में गांधी के विचारों व आदर्शों पर आधारित प्रदर्शनी पांच दिवसीय मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। यहां उन्होंने डिजीटल रजिस्ट्रेशन के उपरांत विश्व के प्रमुख लोगों द्वारा गाँधीजी के बारे में व्यक्त विचार वक्तव्यों को भी सुना और गांधीजी के विचार व सम्पूर्ण जीवन की उपलब्धियों पर विभिन्न एलईडी पर प्रदर्शित की जा रही फिल्मों को भी देखा।
प्रदर्शनी में उन्होंने स्वच्छता पर आधारित “सारे गाँव स्वच्छ रहे“ फिल्म के प्रदर्शन तथा गांधीजी की विभिन्न स्थानों में स्थापित मूर्तियों की डिजिटल झलक पाकर प्रसन्नता व्यक्त की। महानिदेशक आर.एन.मिश्रा, अपर महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ व निदेशक श्रीमती ऋतु शुक्ला ने प्रदर्शनी का अवलोकन कराया। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त विकास सीतारामजी भाले, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती बिनिता ठाकुर, जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी, जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चन्द्र विश्नोई, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे.पी.शर्मा आदि मौजूद रहे।
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