सौर ऊर्जा के जरिये कार्बन उत्सर्जन में कमी कर हिंदुस्तान जिंक को मिला गोल्ड स्टैंडर्ड


सौर ऊर्जा के जरिये कार्बन उत्सर्जन में कमी कर हिंदुस्तान जिंक को मिला गोल्ड स्टैंडर्ड

प्रदूषण खत्म करने की ओर बढ़ते कदम
 
सौर ऊर्जा के जरिये कार्बन उत्सर्जन में कमी कर हिंदुस्तान जिंक को मिला गोल्ड स्टैंडर्ड
आगूचा में स्थापित 22 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना हुई पंजीकृत

हिन्दुस्तान जिंक की रामपुरा अगचा माइंस की ओर से स्थापित 22 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना को कार्बन फुटप्रिंट के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड के तहत पंजीकृत किया गया है। कंपनी ने इस परियोजना को पिछले वर्ष वेस्ट डम्प की 120 मीटर ऊंचाई पर स्थापित किया था। 

हिंदुस्तान जिंक में 1.5 मेगावाट रूफ टॉप सोलर प्लांट के अलावा राज्य में विभिन्न संयंत्रों में कैप्टिव खपत के लिए 39.6 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता वाली परियोजना संचालित है। सभी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को उपयोग में नहीं होने वाली भूमि पर स्थापित किया गया है। कंपनी पर्यावरण संरक्षण एवं अपशिष्ट प्रबंधन की नवीनतम तकनीक और प्रौद्योगिकी से वेस्ट टू वेल्थ की प्रतिबद्धता रखती है। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से उत्पन्न हरित ऊर्जा ने कार्बल फुटप्रिंट का 66049 मीट्रिक टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन प्रति वर्ष को कम किया है, जिसमें वृद्धि की योजना है।

कार्बन क्रेडिट के लिए दिया जाता है यह प्रमाणन मानक

गोल्ड स्टैंडर्ड स्वतंत्र प्रमाणन मानक है जो सीडीएम या वीईआर परियोजनाओं से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट के लिए दिया जाता है। यह कार्बन ऑफसेट परियोजनाओं के लिए वैश्विक स्तर पर दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित प्रमाणन मानक है। गोल्ड स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि कार्बन क्रेडिट न केवल वास्तविक और सत्यापन योग्य है बल्कि सतत् विकास में योगदान दे रहा है। वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा 2003 में स्थापित, गोल्ड स्टैंडर्ड विश्व में 80 से अधिक एनजीओ द्वारा प्रमाणित प्रमाणन मानक है।

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