हिंदुस्तान जिंक गुजरात में जीरो वेस्ट जिंक स्मेल्टर प्लांट स्थापित करेगा


हिंदुस्तान जिंक गुजरात में जीरो वेस्ट जिंक स्मेल्टर प्लांट स्थापित करेगा

पांच हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे

 
हिंदुस्तान जिंक गुजरात में जीरो वेस्ट जिंक स्मेल्टर प्लांट स्थापित करेगा

यह ग्रीनफील्ड 300 केटीपीए जिंक स्मेल्टर प्लांट दोसवाड़ा में 415 एकड़ में तैयार होगा

राज्य की संशोधित औद्योगिक नीति के तहत सबसे बड़ा समझौता हुआ

कंपनी का नया स्मेल्टर, गुजरात राज्य में पहला, 5000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा

2022 तक निवेश के साथ संयंत्र पूरी तरह से चालू हो जाएगा।  
 

उदयपुर। देश में सबसे बड़ी जस्ता उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से गुजरात के दोसवाड़ा में जिंक स्मेल्टर स्थापित करने जा रहा है। इस संबंध में बुधवार को गुजरात सरकार व हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के बीच एमओयू साइन किया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौजूदगी में खान एवं उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमके दास ने हस्ताक्षर किए। 

इस मौके पर  वेदांता समूह के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष अनिल अग्रवाल और हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा उपस्थित थे। 300 केपीटी ग्रीन फील्ड जिंक स्मेल्टर 415 एकड़ में बनेगा। विभिन्न चरणों में इसके निर्माण पर दस हजार करोड़ रुपए तक का निवेश किया जाएगा। स्मेल्टर की स्थापना से गुजरात में पांच हजार से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। यह स्मेल्टर 2022 तक चालू होगा। स्मेल्टर की  खास बात यह होगी कि शून्य डिस्चार्ज तकनीी के साथ स्थापित किया जाएगा और यह दुनिया में सबसे कम लागत वाला स्मेल्टर होगा। जिंक के अलावा भी अन्य मिनरल्स का भी उत्पादन किया जाएगा।

इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा, “ हम इस संयंत्र को स्थापित करने में हर संभव मदद करेंगे ताकि निर्धारित समय में काम चालू हो सके। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

एमओयू पर टिप्पणी करते हुए वेदांता के संस्थापक व गैर कार्यकारी अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा—यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि हमारे समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक शानदार राज्य गुजरात में अग्रणी है। यह नया संयंत्र विश्व स्तरीय होने के साथ ही एक मॉडल भी होगा। यहां दक्षता, पर्यावरण मित्रता, प्रौद्योगिकी और स्वचालन, गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे के उच्चतम मानको का भी प्रतीक बनेगा। हम भारत को दुनिया में जस्ता के सबसे कुशल उत्पादकों के नक्शे पर ले जाएंगे। हमने प्रधान मंत्री मोदी की एक आत्मानिभर भारत के दर्शन की दिशा में एक रास्ता तय किया है।

एमओयू पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर, हिंदुस्तान जिंक के सीईओ,  अरुण मिश्रा ने कहा, “वेदांत समूह और हिंदुस्तान जिंक ने हमेशा हमारे व्यवसाय के केंद्र बिंदु के रूप में सामुदायिक विकास और उत्थान के एजेंडे को रखा है।  हम 2022 तक दोसवाड़ा इकाई को पूरा करने की योजना बना रहे हैं और यह संयंत्र न केवल राज्य के हजारों लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगा; लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योग के बीच एक पर्यावरण-जिम्मेदार और भविष्य के लिए तैयार सुविधा के रूप में एक बेंचमार्क स्थापित करेगा ”।

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