सीए वरिष्ठ सदस्यों के लिये आईसीएआई की ‘वी केयर‘ पहल शुरू

सीए वरिष्ठ सदस्यों के लिये आईसीएआई की ‘वी केयर‘ पहल शुरू

आईसीएआई ने सदस्यों को संकट के समय आर्थिक सहयोग देने के लिये बनाये फण्ड का पोर्टल लाॅन्च,

 
सीए वरिष्ठ सदस्यों के लिये आईसीएआई की ‘वी केयर‘ पहल शुरू

दो माह में दोगुने किये जायेंगे सदस्य

उदयपुर। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अपने वरिष्ठ सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘वी केयर‘ नामक एक पहल शुरू करते हुए “चार्टर्ड अकाउंटेंट बेनोवोलेंट फण्ड (सीएबीएफ) का एक समर्पित पोर्टल बनाया, जिसे केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने लांच किया।

इस अवसर पर मेघवाल ने इन्स्टीट्यूट की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस पहल से वरिष्ठ सदस्य लाभान्वित होंगे । उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल की समय की जरूरत है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अपनी स्थापना के बाद से हमेशा पीढ़ियों को एक सक्रिय और प्रगतिशील तरीके से सोचा नेतृत्व प्रदान किया है। आईसीएआई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, न केवल पेशे के विकास की दिशा में, बल्कि सभी क्षेत्रों में व्यापार, उद्योग और वाणिज्य में योगदान दे रहा है।

आईसीएआई के चेयरमेन अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट बेनोवोलेंट फण्ड (सीएबीएफ) एक ऐसा फण्ड है जिसे इंस्टिट्यूट द्वारा अपने सदस्यों को संकट के समय आर्थिक सहयोग देने के लिये बनाया गया है ताकि अगर कोई भी मेम्बर या उसका परिवार जीवन में किसी विपरीत परिस्थिति का सामना करता है तो उसकी इस फण्ड के जरिये उसकी या उसके परिवार की वित्तीय मदद की जा सके। उन्होंने बताया कि कोई भी चार्टर्ड अकाउंटेंट इसमें एक लाइफ मेम्बर बन सकता है और अपनी स्वेच्छा से इसमें सहयोग राशी दे सकता है ताकि सदस्यों की मदद की जा सकें। इस फण्ड में सहयोग करने पर सदस्य को 80-जी का भी इनकम टैक्स में लाभ मिलेगा।

सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल के चेयरमैन सीए देवेन्द्र कुमार सोमानी ने बताया कि इस पोर्टल और आईसीएआई द्वारा उससे पहुचायी जानें वाली मदद की सरहाना की और अपने सात राज्यों के मेम्बरों से इसमे लाइफ मेम्बर बनने एवं दिल खोलकर स्वेच्छा से इस फण्ड में सहयोग राशि जमा करने की अपील की। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने साथ साथ दूसरे सदस्यों को भी आगे आ कर इस फण्ड में सहयोग राशि देने के लिए प्रोत्साहित करें और अपना सामाजिक उत्तरदायित्व निभाएं, ताकि किसी भी सदस्य की संकट के समय मदद की जा सकें।

सोमानी ने बताया कि आईसीएआई ने संगठन से जुड़े 75 वर्ष से अधिक सीए सदस्यों के लिये यह एक सामाजिक सुरक्षा व परोपकार कार्यक्रम है जिसे अब काफी महसूस किया जा रहा है। मील के पत्थर के पीछे का कारण सीए बिरादरी और वरिष्ठ दूरदर्शी लोगों की कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता है जो अपने निस्वार्थ समर्पण, अथक प्रतिबद्धता और समृद्ध मूल्यों के साथ लेखा पेशे का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

कोविड-19 के प्रकोप के इन अभूतपूर्व समय में आईसीएआई ने यह सुनिश्चित करने के लिए सदस्यों के हित में अनेक कदम उठाए हैं। भारत में अकाउंटेंसी के पेशे में न केवल समावेशी विकास हो रहा है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि इसके सदस्यों और छात्रों को समकालीन प्रासंगिकता के विभिन्न व्यावसायिक मामलों में अपडेट रखा जाएं। अपने प्रयासों के साथ, हम अपनी सदस्यता के विभिन्न खंडों तक पहुंचने और उनसे जुड़ने में सक्षम हैं, यह व्यवहार, उद्योग, सार्वजनिक सेवा, उद्यमशीलता या महिलाओं में है।
 

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