राजस्थान के विकास में खनिजों का महत्वपूर्ण योगदान – प्रो. शर्मा


राजस्थान के विकास में खनिजों का महत्वपूर्ण योगदान – प्रो. शर्मा

जियोसाईन्टिस्ट सोसायटी ऑफ़ राजस्थान तथा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा राजस्थान कीं खनिज सम्पदा के विकास की सम्भावनाएं तथा खनिज क्षेत्र की चुनौतियाॅं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज शुभारम्भ हुआ।

 

राजस्थान के विकास में खनिजों का महत्वपूर्ण योगदान – प्रो. शर्मा

जियोसाईन्टिस्ट सोसायटी ऑफ़ राजस्थान तथा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा राजस्थान कीं खनिज सम्पदा के विकास की सम्भावनाएं तथा खनिज क्षेत्र की चुनौतियाॅं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज शुभारम्भ हुआ।

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के अरावली सभागार में आयोजित उदद्याटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मोहनलाल सुखाडिया विष्वविद्यालय के कुलपति प्रा. जे. पी. शर्मा ने कहा कि राजस्थान खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है जहाॅ अनेको प्रकार के खनिजों का दोहन किया जा रहा है। इस खनिज दोहन से राज्य में लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है तथा साथ ही राज्य को करोडों रूपये राजस्व के रूप में प्राप्त हो रहे हैं। पिछले चार दशकों में राज्य में खनिज क्षेत्र में व्यापक विस्तार हुआ है तथा जिसके चलते राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है। उन्होने वैज्ञानिक खनन तथा पर्यावरण-मित्र खनन की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे राज्य में खनिज विकास के क्रम की निरन्तरता कायम रह सके। उन्होनें दिनों-दिन कम होती जा रही खनिज सम्पदा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि शोध कार्यों को नये खनिज भंडारों की खोज आधारित बनाना चाहिये।

Download the UT Android App for more news and updates from Udaipur

जियोसाईन्टिस्ट सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के अध्यक्ष डाॅ. आर.चौधरी ने कहा कि राज्य में खनिज क्षेत्र के समक्ष अनेक चुनौतियाॅं भी है जिसके कारण राज्य में खनिज विकास के क्रम में बाधाएं आ रही है। इनमें प्रमुख है – खनिज संसाधनों की तेजी से हो रही कमी, अवैज्ञानिक खनन के कारण पर्यावरण एवं पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव, अवैज्ञानिक तथा अविवेकपूर्ण खनन के चलते खनिजों का संरक्षण नहीं हो पाना, नये खनिजों की खोज नहीं हो पाना आदि । इस दो दिवसीय संगोष्ठी में इन्ही पहलुूओं पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव डाॅ. विनोद अग्रवाल ने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में खान एवं भूविज्ञान विभाग, राजस्थान सरकार, राजस्थान खान एवं खनिज लिमिटैड, हिन्दुस्थान जिंक लिमिटेड, भारतीय खान ब्यूरो, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, खनन उद्यमी के साथ-साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं शोधकर्ता भाग ले रहे हैं। उन्होनें बताया कि दो दिन में चार तकनिकी सत्रों में 40 शोध पत्रों को प्रस्तुत किया जायेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के सह-समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. एस. आर. जाखड, सह-आयोजन सचिव डाॅ. हर्ष भू ने भी विचार व्क्त किये। उदघाटन सत्र का संचालन डाॅ. माया चौधरी ने किया। संगोष्ठी का समापन सत्र 16 दिसम्बर को दोपहर 12.30 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि गोविन्द गुरू जनजाती विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी होगे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal