कूच बिहार में कालबेलिया, आंगी गैर, चरी नृत्य, लंगा एवं मांगणियार गायन दलो ने दी आकर्षक प्रस्तुतियाॅ

कूच बिहार में कालबेलिया, आंगी गैर, चरी नृत्य, लंगा एवं मांगणियार गायन दलो ने दी आकर्षक प्रस्तुतियाॅ  

‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021’’ का पहला चरण समापन

 
कूच बिहार में कालबेलिया, आंगी गैर, चरी नृत्य, लंगा एवं मांगणियार गायन दलो ने दी आकर्षक प्रस्तुतियाॅ

दूसरा चरण 22 फरवरी से दार्जिलिंग में

उदयपुर, 19 फरवरी। संस्कृति मंत्रालय, भारत-सरकार नई दिल्ली की ओर से पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में 14 फरवरी से प्रारम्भ ‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021’’ का समापन 16 फरवरी मंगलवार को हुआ। 

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की और से क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रो के सहयोग से आयोजित ‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021’’ कूच बिहार में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर की ओर से राजस्थान राज्य का कालबेलिया नृत्य, आंगी गैर, चरी नृत्य, लंगा एवं मांगणियार गायन दलो ने अपनी-अपनी आकर्षक प्रस्तुतियाॅ देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर राजस्थान की निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने ‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021’’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रो ने अपना-अपना एक ‘‘आंगन’’ बनाया। जिसमे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर (राजस्थान) की ओर से बनाए गए ‘‘आंगन’’ में मेवाड़ के ऐतिहासिक गणगौर घाट, उदयपुर स्थित ‘‘त्रिपोलिया’’ की बहुत ही खुबसूरत प्रतिमूर्ति बना कर इस महोत्सव में प्रदर्शित की गई जो पूर्वी अंचल के लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना रहा।

केन्द्र निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘आंगन’’ के माध्यम से नवीन पीढ़ी में कला को प्रचारित करने एवं शिल्पकारों की शिल्प कला को बढ़ावा देने एवं संस्कृति से रूबरू कराने के ध्येय से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा ‘‘आंगन’’ में पाबु जी की फड़ वाचन की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ ही जयपुर की लाख-चूड़ी, कोटा डोरिया साड़ी, ब्ल्यु पोट्री जयपुर, के अलावा उदयपुर का ब्लाॅक प्रिन्ट, लकड़ी के खिलौन, एवं कच्छ कसीदाकारी के शिल्पकारों द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिल्प प्रदर्शन किया। 3 दिवसीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही ‘‘आंगन’’ में सज्जे शिल्प का अवलोकन करने के लिए कई विशिष्ट-अतिथियों के साथ ही स्थानीय लोगों ने प्रस्तुतियाॅ को निहारा और आंगन में सज्जे शिल्प को देख कर कलाकारों की कला का एवं शिल्पकारों के शिल्प की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

ओर आगे जानकारी देते हुए केन्द्र निदेशक श्रीमती किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की और से क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रो के सहयोग से आयोजित ‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2021’’ दूसरा चरण 22 से 24 फरवरी दार्जिलिंग (पं.बगाल) मे एवं तीसरा चरण 27 से 28 फरवरी मुर्शिदाबाद (पं.बगाल) आयोज्य है। 

उल्लेखनीय है, कि तीन दिवसीय ‘‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’’ का उद्घाटन 14 फरवरी को केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री प्रल्हाद सिहं पटेल एवं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनकड़, कूच बिहार के सांसद निशित प्रमाणिक द्वारा ढ़ोल वादन से किया था। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती अमिता प्रसाद सरभाई, पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की निदेशक गौरी बसु भी उपस्थित थी।

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