शिक्षा में समानता एवं श्रेष्ठता: वैश्विक चुनौतियाॅं विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन


शिक्षा में समानता एवं श्रेष्ठता: वैश्विक चुनौतियाॅं विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

काॅमनवेल्थ कॉउन्सिल आॅॅफ एज्युकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मेनेजमेंट के भारतीय संगठन द्वारा शिक्षा में समानता एवं श्रेष्ठता: वैश्विक चुनौतियाॅं विषयक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन सोमवार 27 अगस्त को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के सभागार में हुआ।

 

शिक्षा में समानता एवं श्रेष्ठता: वैश्विक चुनौतियाॅं विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

काॅमनवेल्थ कॉउन्सिल आॅॅफ एज्युकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मेनेजमेंट के भारतीय संगठन द्वारा शिक्षा में समानता एवं श्रेष्ठता: वैश्विक चुनौतियाॅं विषयक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन सोमवार 27 अगस्त को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के सभागार में हुआ।

यह सम्मेलन सी.सी.ए.एम. भारत के राजस्थान शैक्षिक प्रशासन एवं प्रबंध समिति द्वारा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, अखिल भारतीय शैक्षिक शोध परिषद्, वैश्विक सामाजिक न्याय, शिक्षा तथा सशक्तिकरण का अंतर्राष्ट्रीय फाॅरम, शिक्षा शोधार्थियों का अंतर्राष्ट्रीय फाॅरम इण्डियन आॅरिजन के अंतर्राष्ट्रीय संगठन तथा श्रीमती के. बी. दवे काॅलेज आॅफ एजुकेशन, नाॅर्थ गुजरात विश्वविद्यालय, पिलवई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन 27 से 30 अगस्त 2018 को आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पी. के. दशोरा ने बताया कि शिक्षा मे समानता के लिऐ अनेक पहलुओं जैसे समाज मे जाति, लिंग, धार्मिक मान्यताऐं, आर्थिक स्थिति, देश के विकास की स्थिति, शिक्षण संस्थाओं व शिक्षकों की उपलब्धता इत्यादि की स्थिति पर भी विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षित और सफल भारत के निर्माण के लिऐ औपचारिक शिक्षा के साथ मूल्य आधारित शिक्षा पर समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है। प्रो. दशोरा ने कहा कि शिक्षा मे समानता, उन्नयन और मूल्य शिक्षा सहित अनेक पहलुओं पर चिंतन मनन के लिऐ ऐसे सम्मेलनों का आयोजन महत्वपूर्ण है।

Click here to Download the UT App

उद्घाटन सत्र मे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एमपीयुएटी के माननीय कुलपति प्रो. उमा शंकर शर्मा ने सदन को सम्बोधित करते हुऐ शिक्षा मे समानता व श्रेष्ठता पर वैष्विक सम्मेलन की प्रासंगिकता की बात कही। उन्होने कहा शिक्षा की सार्थकता समानता, संवेदनशीलता सामाजिक मूल्यों के विकास मे है। सम्मेलन की निदेशिका प्रोफेसर हेमलता तलेसरा ने स्वागत भाषण, मेहमानों का परिचय तथा सम्मेलन के विषय का स्पष्टीकरण दिया। विशेष अतिथि के रूप में राॅयल विश्वविद्यालय भूटान की डा. डेकी गेमिस्टो, तथा फीजी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की ताराबीनी नेलिगेमेशे रेउला ने अपने देश के शिक्षा का स्थिति और नवाचारों पर प्रकाश डाला। दोनों के सम्बोधन मे एक बात की समानता यह रही कि विषम भौगोलिक स्थितियों मे बाद भी उनके देशो मे स्कूली शिक्षा के विकास और समाज के सभी तबकों के लिऐ इसकी उपलब्धता मे उल्लेखनीय कार्य हुआ है।

उद्घाटन सत्र का संचालन श्रीमति प्राचि भटनागर ने किया तथा राजस्थान कोन्सिल के वित्त सचिव डा. राजेश मंत्री ने धन्यवाद दिया। उन्होने सहयोगी संस्थाओं मे विशेष योगदान के लिऐ उनका आभार व्यक्त किया। उद्घाटन सत्र मे पूर्व आई जी जेल डाॅ प्रीता भार्गव, अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक न्याय एवं शिक्षा तथा सशक्तिकरण फोरम की भारतीय अध्यक्षा डा. ऊषासी, टीचर एजुकेशन असोषिऐशन के अध्यक्ष श्री प्रभाकर ने भी सम्बोधित किया। अतिथियों ने संगोष्ठी की सोवेनियर का विमोचन भी किया जायेगा।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags