शिल्पग्राम में ‘‘जलियांवाला बाग’’ नाटक का मंचन 14 सितम्बर को

शिल्पग्राम में ‘‘जलियांवाला बाग’’ नाटक का मंचन 14 सितम्बर को

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से कला परिसर शिल्पग्राम में शनिवार 14 सितम्बर को अशोक बांठिया द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘ जलियां वाला बाग’’ का मंचन किया जायेगा।

 

शिल्पग्राम में ‘‘जलियांवाला बाग’’ नाटक का मंचन 14 सितम्बर को

उदयपुर, 12 सितम्बर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से कला परिसर शिल्पग्राम में शनिवार 14 सितम्बर को अशोक बांठिया द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘ जलियां वाला बाग’’ का मंचन किया जायेगा।

केन्द्र के प्रभारी निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ वर्ष पूर्ण होने तथा स्वाधीनता संग्राम में शहीद हुए लोगों के शौर्य को स्मरण करने के ध्येय से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक ककेन्द्र द्वारा पिछले दिनों एक प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ रंगकर्मी, अभिनेता और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र अशोक बांठिया ने उदयपुर के युवा व बाल प्रतिभाओं के साथ नाट्याभ्यास करवाया।

कार्यशाला के दौरान बांठिया ने प्रतिभागियों को नाट्य विधा की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी जिसमें अभिनय, संगीत, भाव सम्प्रेषण, संवाद समप्रेषण आदि प्रमुख हैं। कार्यशाला में बांठिया द्वारा जलियांवाला बाग घटनाक्रम पर आधारित नाटक पर उदयपुर के युवा कलाकारों के साथ काम किया गया जिसमें 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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कार्यशाला में तैयार नाटक ‘‘जलियांवाला बाग’’ का मंचन 14 सितम्बर शाम 7.00 बजे शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में किया जायेगा। इसके अलावा इस नाटक का प्रदर्शन केन्द्र सदस्य राज्यों में भी किया जाना प्रस्तावित है। नाटक में दर्शकों के लिये प्रवेश निःशुल्क होगा।

अशोक बांठिया के जन्म 1957 में राजस्थान में हुआ। राजनैतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर करने के बाद इन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से रंगमंच में डिप्लोमा किया इसके बाद1970 से 1982 तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक करके ये ऑस्ट्रेलिया गये जहां बांठिया ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ड्रामेटिक आर्ट्स सिडनी से डिप्लोमा किया। अशोक बांठिया ने देश के कई प्रतिष्ठित रंगकर्मियों के साथ रंगमंच की साधना की इनमें ब.व. कारंत, फ्रिट्ज़बेनिविट्ज़, जाॅन क्लार्क, बी.एम. शाह, रूद्रप्रताप सेनगुप्ता, डाॅ. चंद्रप्रकाश, मंगल सक्सेना, बी.आर. भार्गव उल्लेखनीय हैं। फिल्मी दुनियाँ में अशोक बांठिया ने जाने भी दो यारों, आघात, सलीम लंगड़े पे मत रो, अंतहीन, रूदाली, दुश्मनी, एक थी गुंजा, खूबसूरत, मां बाप ने भूल ज्यो मती, राजू बन गया जैंटलमैन, राजू राठौड़ में अभिनय किया।

अशोक बांठिया को उनके योगदान के लिये महाराष्ट्र सरकार ने राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार, राजस्थानी फिल्म में श्रेष्ठ सहायक अभिनेता व श्रेष्ठ विलेन पुरस्कार, मध्यप्रदेश शासन द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान प्रदान किया। इसके अलावा अशोक बांठिया ने विभिन्न टीवी सिरियल्स में 3000 एपिसोड्स व रंगमंच पर 10 से अधिक नाटकों में अभिनय किया। जिनमें मनोज जोशी के नाटक चाणक्य के देश-विदेश में 1200 प्रदर्शन हो चुके हैं। इनके द्वारा नाटक ‘‘द लास्ट ट्रेन’’, ‘‘कान्हा ओ कान्हा’’, म्यूजिकल शो एस.डी. बर्मन, ‘‘शास्त्र देखो शास्त्र’’ ‘‘स्त्री’’, ‘‘हानुश, लोमड़िया, ईडीपस, जश्न ए ईद का निर्देशन किया गया है।

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