उदयपुर 20 फ़रवरी 2025। नेहरू युवा केंद्र, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित अंतर-राज्यीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तीसरे दिन कश्मीरी युवाओं ने उदयपुर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का अवलोकन किया।
दिन की शुरुआत सहेलियों की बाड़ी के भ्रमण से हुई, जहां युवाओं ने इस सुंदर ऐतिहासिक उद्यान की वास्तुकला और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को जाना। उन्होंने यहां की संगमरमर की छतरियों, कलात्मक फव्वारों और हरी-भरी हरियाली का आनंद लिया, जो इसे एक दर्शनीय स्थल बनाते हैं।
इसके पश्चात वे शिल्पग्राम पहुंचे, जहां उन्हें राजस्थान की पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और लोकसंस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिला। इस दौरान उन्होंने वहां के स्थानीय कलाकारों से संवाद किया और उनके साथ राजस्थानी लोकनृत्य में भाग लिया। वहीं, कश्मीरी प्रतिभागियों ने भी अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन कर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सजीव किया।
दोपहर के भोजन के बाद युवाओं को करणी माता मंदिर ले जाया गया, जहां उन्होंने मंदिर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को जाना। यहां से रोपवे द्वारा पिछोला झील का मनोरम दृश्य भी देखा गया, जिससे वे अत्यंत प्रभावित हुए।
इसके बाद प्रतिभागियों ने फतेह सागर झील का भ्रमण किया और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया। उन्होंने जलक्रीड़ा गतिविधियों और झील के किनारे के वातावरण का अनुभव किया। दिन का समापन सुखाड़िया सर्कल पर हुआ, जहां युवाओं ने फव्वारे के पास नाव की सवारी का आनंद लिया और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखा।
इस कार्यक्रम के माध्यम से कश्मीरी युवाओं को न केवल राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराया जा रहा है, बल्कि उन्हें स्थानीय समाज और जीवनशैली से जोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला युवा अधिकारी शुभम पुर्बिया ने कहा कि “युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आपसी समन्वय, सांस्कृतिक सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का सशक्त माध्यम है।”
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