सलूम्बर में किसान एकता रैली

सलूम्बर में किसान एकता रैली 

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय आह्वान के तहत सलूम्बर मे सेलिंग पाल से उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तक मुख्य बाजार के रास्तों से होते किसान एकता रैली निकाली गयी

 
सलूम्बर में किसान एकता रैली

रैली मे किसान विरोधी तीनो कृषि विधेयकों को वापस लेने, MSP की कानूनी गारंटी , खाद्य सुरक्षा पर हमले, काला बाजारी को बढ़ावा देने वाले इन कानूनों के विरोध मे नारे लगाए गए। 

उदयपुर 18 फरवरी 2021। जिले के सलूम्बर कस्बे में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय आह्वान के तहत सलूम्बर मे सेलिंग पाल से उपखण्ड अधिकारी कार्यालय तक मुख्य बाजार के रास्तों से होते किसान एकता रैली निकाली गयी। रैली मे किसान विरोधी तीनो कृषि विधेयकों को वापस लेने, MSP की कानूनी गारंटी , खाद्य सुरक्षा पर हमले, काला बाजारी को बढ़ावा देने वाले इन कानूनों के विरोध मे नारे लगाए गए। 

इस मौके पर बोलते हुए किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष कामरेड चंद्रदेव ओला ने कहा आज पुरे देश का किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीनों कृषि कानून कि वजह से आन्दोंलनरत है।पिछले तीन महीने में 300से भी अधिक किसानों ने अपनी शहादत इन कानूनों के विरोध आंदोलन में दी हैं । देश के तमाम किसानों संगठनों से बिना किसी रायशूमारी के ये काले कृषि कानून लाये गये हैं जो किसान ओर आमजन की मौत के दस्तावेजों के रूप में है और देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे मे डालने के साथ देश की खेती किसानी को कॉर्पोरेट के हवाले करने का काम करेंगे। 

किसान महासभा के जिला अध्यक्ष कामरेड गौतम लाल मोरिला ने उपखण्ड कार्यालय पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा ये तीनों कृषि कानून राशन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर भी सीधा प्रहार करता है जिससे आमजन को मिलने वाला राशन प्रभावित हो जायेगा। यदि देश का अनाज और खाद्यान कॉर्पोरेट खरीददारों के हवाले हो गया तो सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए राशन कहा से खरीदेगी। इन कानूनों के प्रभाव से सरकारी कृषि मंडियां बन्द हो जायेगी ओर प्राइवेट मंडियों का बोलबाला बढ़ जायेगा।

वरिष्ठ साथी कामरेड पूर्णमल मीणा ने कहा तीनों कृषि कानून  वापिस लेने, सभी कृषि उपजों की स्वामीनाथन् आयोग की सिफारिशों के अनुसार C 2+ 50% जोङकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने और कृषि उपजों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम खरीद को अपराधिक कृत्य घोषित करने तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा। 

केंद्रीय श्रमिक संगठन ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष कामरेड शंकरलाल चौधरी ने कहा जो लोग पानी 20 रु/लीटर का बेच सकते है उनके हाथ मे यदि देश का गेंहू , मक्का और धान पड़ गया तो इसकी मार आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगी। राजस्थान किसान संगठन के वरिष्ठ नेता कामरेड मांगीलाल संजेला ने कहा नए कृषि कानूनों के चलते अनाज और खाद्यान के किसानों की भी वही हालात होगी जो आज प्याज, टमाटर, आलू , लहसून के किसानों की अक्सर होती है। सभा का संचालन सौरभ नरुका ने किया। 

सभा के बाद उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। सलूम्बर तहसील की अलग-2 पंचायतों मे मनरेगा मे भुगतान, प्रधानमंत्री आवास, स्थानीय सड़को, बिजली के बिलो, वन विभाग की मनमानी आदि के खिलाफ उपखण्ड अधिकारी स्तर का भी एक ज्ञापन दिया गया । ज्ञापन देते वक्त तेजकी बाई, कानकी बाई , शंकरलाल मीणा, बाबरु, रतन , गोविंद , कालू , हरजी आदि मौजूद थे।

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