रविवार को फ्लावर शो देखने उमड़ा जन सैलाब

रविवार को फ्लावर शो देखने उमड़ा जन सैलाब

वर्ष 2018 का अंतिम रविवार शहर की फहहसागर झील पर आयोजित पुष्प प्रदर्शनी के नाम रहा। अवकाश का दिन होने से दिन भर शहरवासियों एवं पर्यटकों की रेलमपेल देखी गई।

 

रविवार को फ्लावर शो देखने उमड़ा जन सैलाब

वर्ष 2018 का अंतिम रविवार शहर की फहहसागर झील पर आयोजित पुष्प प्रदर्शनी के नाम रहा। अवकाश का दिन होने से दिन भर शहरवासियों एवं पर्यटकों की रेलमपेल देखी गई।

यूआईटी सचिव उज्ज्वल राठौड़ ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से नगर विकास प्रन्यास की ओर से आयोजित इस पुष्प प्रदर्शनी में प्रकृति एवं सौंदर्य के अनूठे संगम ने हर जवान से लेकर वृद्धजन को खासा प्रभावित किया है, यहां तक नवयौवन भी इठलाता हुआ नजर आया है। उन्होंने बताया कि यूआईटी, नगर निगम के साथ विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, प्रतिष्ठानों एवं नर्सरियों द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी की हर वर्ग में भूरि-भूरि प्रशंसा की जा रही है।

रविवार को फ्लावर शो देखने उमड़ा जन सैलाब

आकर्षक डिजाइन ने किया खासा प्रभावित

श्री राठौड़ ने बताया कि प्रदर्शनी में फूलों की सजावट के साथ आकर्षक डिजाइन ने सभी को प्रभावित किया है। इनमें विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा निर्मित बटरफ्लाई की आकृति, पिकाॅक डिजाइन, सेल्फी काॅर्नर, मार्बल्स डिजाइन, आकर्षक एवं डिजाइनेबल फ्लावर्स पोट्स एवं विभिन्न स्टाॅल्स पर की गई सजावट ने सभी को आकर्षित किया है।

रविवार को फ्लावर शो देखने उमड़ा जन सैलाब

पक्षियों की कलरव ध्वनि बनी कौतहूल का विषय

प्रदर्शनी में दर्शन टेन्ट्स एवं डेकोरेटर्स की ओर से लगी स्टाॅल्स में आकर्षक फूलों एवं डिजाइन किये गये घोसलों में विभिन्न पशुओं की प्रतिकृति के साथ उनकी मधुर आवाज का संगम देखने वालों के लिए कौतहूल एवं आकर्षण का विषय बना हुआ है। इस स्टाॅल्स पर पक्षियों के कलरव की मधुर आवाज वातावरण को और भी अधिक मधुर एवं सुहाना बना रही हैं।

जीवन में फूलों का महत्व

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वंडर सीमेंट की ओर से प्रदर्शनी की अवलोकन करने आ रहे दर्शकों को ब्राॅशर के माध्यम से “जीवन में फूलो के महत्व“ के बारे में बताया जा रहा है। इसमें आमजन को पर्यावरण एवं प्रकृति के सरंक्षण के बारे में जागरूकता संदेश दिया गया है। संदेश में लिखा हुआ है कि वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण व कीटनाशक के अंधाधुध दुरुपयोग से मधुमक्खियों की जनसंख्या दिनों-दिन कम होती जा रही है। शहद बनाने के लिए तथा जो फसले क्राॅस पोलिनेशन से पैदा होती है, उसके लिए फूल और मधुमक्खी का होना बहुत जरूरी है। फूल हमे चिंता मुक्त करते है और अच्छी नींद लेने में सहायता करते है।

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फूलों की सुगंध से मनुष्य की मनो स्थिति अच्छी हो जाती है। फूलों की खेती से रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता बढ़ी है। फूलों से हमे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। फूल मनुष्य के लिए भोजन व औषधियों का स्रोत भी है।

बंट रहे है पौधे

श्री राठौड ने बताया कि इस प्रदर्शनी के दौरान हिन्दुस्तान जिंक लि. एवं वंडर सीमेंट के माध्यम से सीएसआर के तहत नियमित निःशुल्क पौधों का वितरण किया जा रहा है। साथ ही आमजन द्वारा आवश्यकतानुसार इन फलदार-फूलदार पौधों की खरीददारी भी की जा रही है। यह प्रदर्शनी आगामी 3 जनवरी तक आमजन के अवलोकनार्थ निःशुल्क खुली रहेगी।

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