GMCH में मात्र 90 मिनट में हो सकेगी एमडीआर एवं टीबी की जाँच

GMCH में मात्र 90 मिनट में हो सकेगी एमडीआर एवं टीबी की जाँच

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के  माइक्रोबायोलॉजी विभाग में टी. बी जाँच की मशीन “सेपहिड जीनएक्सपर्ट” का उद्घाटन
 
GMCH में मात्र 90 मिनट में हो सकेगी एमडीआर एवं टीबी की जाँच
सेपहिड जीनएक्सपर्ट मशीन टी. बी रोगियों के लिए वरदान है, ये मशीन आर. टी- पी.सी. आर (प्रयोगशाला तकनीक) पद्धति पर कार्य करती है क्यूंकि इस मशीन द्वारा मात्र 90 मिनिट में रोगी के स्पुटम (थूक) सैंपल द्वारा पूर्णतया सही परिणाम सामने आ जाता है। ये मशीन बैक्टीरिया का भी पता लगाती है तथा किस तरह की टी. बी है ये भी पता चल जाता है एवं इलाज शुरू किया जा सकता है। टी.बी की जांच में पहले 3-6 हफ्ते का समय लगता था फिर इलाज शुरू किया जाता था जिसमे कि कई बार ज्यादा देर होने पर रोगी की तकलीफ बहुत बढ़ जाती थी ऐसे में जीन एक्सपर्ट मशीन द्वारा सही समय पर सही इलाज मुहैया कराकर रोगी को बचाया जा सकता है एवं संक्रमण को समाज में फेलने से रोका जा सकता है। 

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर के  माइक्रोबायोलॉजी विभाग में टी. बी जाँच की मशीन “सेपहिड जीनएक्सपर्ट” का उद्घाटन गीतांजली ग्रुप के डायरेक्टर अंकित अग्रवाल, वाईस चांसलर डॉ. आर.के. नाहर, डीन डॉ. एफ. एस. मेहता, सीईओ प्रतीम तंबोली, मेडिकल सुप्रीटेनडेंट डॉ. नरेन्द्र मोगरा, टी. बी. चेस्ट के विभागाध्यक्ष डॉ एस. के. लुहाडिया, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एच.ओ.डी ए. एस. दलाल, एवं द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. उपासना भूम्बला व डॉ. अनामिका द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मेडिकल सर्विसेज जी. एम डॉ. तरुण व्यास, डॉ. अतुल लुहाडिया, डॉ. ऋषि शर्मा तथा माइक्रोबायोलॉजी का स्टाफ उपस्थित रहा। 

जैसा कि ज्ञात है टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्‍युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफडों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है। 

सबसे कॉमन फेफड़ों का टीबी है, जो कि हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। टी. बी के मुख्यता 2 अवस्थाये है जिन्मे एक है रेजिस्टेंस टी.बी (लम्बे समय से चली आ रही), दूसरी है एम. डी. आर टी. बी( टीबी की वह स्टेज जिसमें प्रचलित दवाएं (डॉट्स उपचार) नाकाम होने लगती हैं) इसलिए टीबी के आसार नजर आने पर जांच करानी चाहिए।

सेपहिड जीनएक्सपर्ट मशीन द्वारा जांच कराने के क्या फायदे हैं?

सेपहिड जीनएक्सपर्ट मशीन टी. बी रोगियों के लिए वरदान है, ये मशीन आर. टी- पी.सी. आर (प्रयोगशाला तकनीक) पद्धति पर कार्य करती है क्यूंकि इस मशीन द्वारा मात्र 90 मिनिट में रोगी के स्पुटम (थूक) सैंपल द्वारा पूर्णतया सही परिणाम सामने आ जाता है। ये मशीन बैक्टीरिया का भी पता लगाती है तथा किस तरह की टी. बी है ये भी पता चल जाता है एवं इलाज शुरू किया जा सकता है। टी.बी की जांच में पहले 3-6 हफ्ते का समय लगता था फिर इलाज शुरू किया जाता था जिसमे कि कई बार ज्यादा देर होने पर रोगी की तकलीफ बहुत बढ़ जाती थी ऐसे में जीन एक्सपर्ट मशीन द्वारा सही समय पर सही इलाज मुहैया कराकर रोगी को बचाया जा सकता है एवं संक्रमण को समाज में फेलने से रोका जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर पिछले 13 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट, नवीनतम एवं विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है एवं ज़रूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है एवं ज्ञात रहे कि आर.एन. टी.सी. पी का नाम बदलकर एन.टी.इ.पी. हो गया है तथा एन.टी.इ.पी. के मापदंड के अनुसार टी.बी की जांच जीनएक्सपर्ट मशीन से ही मान्य है। 

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