उदयपुर। माईनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन की उदयपुर चेप्टर की देहलीगेट बाहर इन्द्रप्रस्थ काॅम्पलेक्स स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में बोलते हुए निदेशक खान सुरक्षा ए.के.पोरवाल ने कहा कि खनन में आ रही समस्याओं को देखते हुए देश में खनन कार्मिकों को गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता है। वर्ष 2012 से पूर्व कुछ राज्यों मे एक भी प्रशिक्षित खनन कार्मिक नहीं था।
पोरवाल ने बताया कि खनन में आ रही समस्याओं को देखते हुए एमईएआई ने खनन कार्मिकों को गहन प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया ताकि इस प्रशिक्षण के बाद वह कार्मिक इतना प्रशिक्षित हो जाय कि वह देश के किसी भी कोने में जा कर किसी प्रकार की माइंस की सेफ्टी का कार्य कर सकें। इस बाबत एमईएआई ने एस.सी.सुथार, आर.सी.पुरोहित व मोहन पालीवाल की कमेटी बनाकर उपरोक्त सन्दर्भ में जिम्मेदारी सौंपी है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा माइंस एक्ट में काफी परिवर्तन किये गये। जिसमें 14 कानूनों को मर्ज किया गया है। बदलाव किये गये इस एक्ट में पेनल्टी को बढ़ा दिया गया है। इस एक्ट को लोकसभा एवं राज्यसभा में पारीत कर दिया लेकिन सरकार ने रूल्स एण्ड रेगुलेशन को फाईनल करने तक इसे रोक रखा है,इस पर विचार कर इसे शीघ्र ही लागू कर दिया जायेगा। सरकार चाहती है कि इस परिवर्तित एक्ट के तहत न्यूनतम सरकार और अधिक शासन चाहती है। यह कानून बड़ी व छोटी सभी कम्पनियों पर समान रूप से लागू है।
उदयपुर चेप्टर के सचिव मधुसूदन पालीवाल ने बताया कि एसोसिशन छोटे खानधारकों या कम्पनियों को इसकी जानकारी बाबत तकनीकी वार्ता की आवश्यक्ता है ताकि खनन हितधारक लाभान्वित हो, जिसे एमईएआई शीघ्र आयोजित करेगी। उन्होंने बताया कि एसोसिशन द्वारा शीघ्र ही पर्यावरण संरक्षण पर पुस्तिका का प्रकाशन किया जायेगा, जिसमें विषय विशेषज्ञों के पत्रों को शािमल कर पर्यावरण समस्याओं व समाधान पर फोकस किया जायेगा। निकट भविष्य में तकनीकी विषयों पर सेमिनार का आयोजित कर खनन में आ रही परेशानियों एवं समाधानों पर जानकारी दी जायेगी।
इस अवसर पर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एस.एस.राठौड़ ने खनन समुदाय से राष्ट्रीय विकास में और भी अधिक योगदान देने के लिए चर्चा की, विशेष रूप से खनन के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा की, जिसमें विश्व समुदाय द्वारा चीन के साथ व्यापार को प्रतिबंधित करने के कारण भारत के यूरोप, अमेरिका, जापान दक्षिण कोरिया के साथ खनन क्षेत्र में व्यापार का विस्तार करने के अवसर बढे हैं। उन्होंने खानों में उत्पादकता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए खनन लोगों पर कौशल उन्नयन पर जोर दिया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूण कुमार कोठारी ने देश के विकास में खनन को बहुत बड़ा योगदान रहा है और हमें इसके संरक्षण हेतु कार्य करते रहना चाहिये। खनन में नवीन तकनीकों का उपयोग कर इसे आगे बढ़ाना चाहिये। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने अपने विचार रखें। इससे पूर्व सदस्य कुमावत ने अपनी स्वरचित रचनायें प्रस्तुत की। अंत में सुनील वशिष्ठ ने आभार ज्ञापित किया।
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