द राइट सर्कल कार्यक्रम में लेखिका शुभांगी स्वरुप के साथ मुलाकात


द राइट सर्कल कार्यक्रम में लेखिका शुभांगी स्वरुप के साथ मुलाकात

उदयपुर 5 मई 2019, प्रभा खेतान फाउंडेशन, अहसास वीमेन ऑफ़ उदयपुर एवं होटल रेडिसन ब्लू पैलेस रिसोर्ट एन्ड स्पा के संयुक्त तत्त्वावधान में होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में 4 मई 2019 को ‘कल्चरल रॉन्देवू के कलम सीरीज कर्यक्रम के तहत लेखिका और उपन्यासकार शुभांगी स्वरुप के साथ पेसिफिक कॉलेज की डीन भावना देथा ने शुभांगी के लिखे उपन्यास Latitudes of Longing पर कई सवाल किये जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए।

 

द राइट सर्कल कार्यक्रम में लेखिका शुभांगी स्वरुप के साथ मुलाकात

उदयपुर 5 मई 2019, प्रभा खेतान फाउंडेशन, अहसास वीमेन ऑफ़ उदयपुर एवं होटल रेडिसन ब्लू पैलेस रिसोर्ट एन्ड स्पा के संयुक्त तत्त्वावधान में होटल रेडिसन ब्लू पैलेस में 4 मई 2019 को ‘कल्चरल रॉन्देवू के कलम सीरीज कर्यक्रम के तहत लेखिका और उपन्यासकार शुभांगी स्वरुप  के साथ पेसिफिक कॉलेज की डीन भावना देथा  ने शुभांगी के लिखे उपन्यास Latitudes of Longing पर कई सवाल किये जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए।

लेखिका और उपन्यासकार शुभांगी स्वरुप को यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट एंजेलिया की ओर चार्ल्स पिक फेलोशिप से नवाज़ा जा चूका है। मुंबई निवासी शुभांगी स्वरुप को जेंडर सेन्सिटिवटी इन यूचर राइटिंग पर भी सम्मानित करने के साथ और भी कई अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चूका है।

शुभांगी ने बताया की उनकी उपन्यास Latitudes of Longing पूरी तरह प्रकृति पर आधारित है। उपन्यास लिखने के दौरान उन्होंने प्राकृतिक और भौगोलिक सीमाओं के भेदते हुए लेह लद्दाख से लेकर श्रीलंका जैसे आइलैंड तक का सफर कर डाला। देश के प्रत्येक हिस्से का अनुभव उन्होंने शब्दों में ढालकर अपनी उपन्यास में समेटा है।

शुभांगी ने एक सवाल के जवाब में बताया की लोग भगवान को बिना देखे विश्वास करते है लेकिन उन्होंने अपने अनुभव से सीखा है। शुभांगी कहती है दुनिया एक खूबसूरत जगह है। किताब लिखने के दौरान हुई एक दुर्घटना का ज़िक्र करते हुए बताया की ज़िंदगी में भरोसा बहुत महत्वपूर्ण होता है। दुर्घटना के दौरान गाँव के लोगो ने उनकी किस प्रकार मदद की।

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शुभांगी ने बताया उनकी माँ से उन्हें प्रकृति से प्यार करना सीखा जबकि उनके पिता ने उन्हें समस्त मानव जाति से बिना भेदभाव किये सम्मान करना सीखा। उनकी लिखी किताब के केंद्र में प्रकृति ही है। उन्होंने कहा की कोई जानवर आपको कभी कोई नुक्सान नहीं पहुंचाता। फिर भी डर तो रहता ही है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने सबसे मुश्किल काम किसी को जज करना बताया। शुभांगी से पूछा गया की अगर उन्हें पूरा एक साल किसी एक जगह बिताना हो तो जवाब में लेखिका ने भूटान और श्रीलंका में रहने की इच्छा जताई।

द राइट सर्कल कार्यक्रम में लेखिका शुभांगी स्वरुप के साथ मुलाकात

कार्यक्रम के अंत में प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से शुभांगी स्वरुप’ का सम्मान किया गया। शुभांगी स्वरुप से रूबरू साक्षात्कार करने वाली पेसिफिक कॉलेज की डीन भावना देथा का भी सम्मान किया गया । इस अवसर पर कनिका अग्रवाल, मूमल भंडारी, रिद्धिमा दोशी, श्रद्धा मुर्डिया, शुभ सिंघवी और स्वाति अग्रवाल के अतिरिक्त शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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