नाॅमिनी नहीं होता सम्पत्ति का मालिक


नाॅमिनी नहीं होता सम्पत्ति का मालिक

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के निदेशक सीए डाॅ. गिरीश आहूजा ने कहा कि सम्पत्ति, बैंक की एफडी आदि नाॅमिनेशन कर देने से मालिकाना हक नहीं मिल जाता। नाॅमिनी तो केवल ट्रस्टी होता है। उसे वास्तविक मालिक को सम्पत्ति की सुपुर्दगी करनी ही होती है।व्यक्ति द्वारा वसीयत नहीं लिखी जाने की स्थिति में वह हिन्दू सक्शेशन एक्ट के तहत उत्तराधिकारियों में विभक्त हो जायेगी। व्यक्ति के मरने पर वह अपनी माता, पत्नी व बच्चों में सम्पत्ति बराबर बंटेगी।

 

नाॅमिनी नहीं होता सम्पत्ति का मालिक

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के निदेशक सीए डाॅ. गिरीश आहूजा ने कहा कि सम्पत्ति, बैंक की एफडी आदि नाॅमिनेशन कर देने से मालिकाना हक नहीं मिल जाता। नाॅमिनी तो केवल ट्रस्टी होता है। उसे वास्तविक मालिक को सम्पत्ति की सुपुर्दगी करनी ही होती है। वे आज द इन्स्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट ऑफ़ इंडिया की कमेटी ऑन अकाउन्टिंग,स्टेण्डर्ड फाॅर लोकल बाॅडिज, बैंकिग,इंश्योरेंस व फाईनेन्शियल सर्विसेज व उदयपुर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में सौ फीट रोड़ स्थित ओपेरा गार्डन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे।

सम्मेलन के मीडिया प्रभारी सीए दीपक एरन ने बताया कि डाॅ. आहूजा ने यह भी कहा कि व्यक्ति द्वारा वसीयत नहीं लिखी जाने की स्थिति में वह हिन्दू सक्शेशन एक्ट के तहत उत्तराधिकारियों में विभक्त हो जायेगी। व्यक्ति के मरने पर वह अपनी माता, पत्नी व बच्चों में सम्पत्ति बराबर बंटेगी।

इससे पूर्व इन्स्टीट्यूट के पूर्व अध्यक्ष अमरजीतसिंह चौपड़ा ने कम्पनी एक्ट के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऑडीटर की आज की परिस्थितियों में अपने दायित्व से अवगत कराया एवं विभिन्न प्रकार की की जाने वाली जालसाजियों से सचेत किया।

प्रारम्भ में आयोजित उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए बोलते हुए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी.शर्मा ने कहा कि देश की प्रगति में चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स का अहम योगदान रहा है। देश की जीएसटी, आयकर में वृद्धि करने में भी चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स अपनी बेहतर भूमिका निभा रहे है। देश में होने वाले बदलावों को सबसे पहले चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स स्वीकार करने में आगे रहते है।

इसी प्रकार प्रथम सत्र में श्रीमती प्रीति दंग ने भारतीय चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट की आस्ट्रेलिया सीपीए के साथ एग्रीमेन्ट व वहां प्रोफेशनल अपॉर्च्युनिटी विषय पर प्रकाश डाला। सीए सुमित ढढ्ढा ने दिवालियापन मूल्याकंन (इन्सोलवेन्सी वेल्यूएशन) विषय पर इसमें आ रही जटिलताओं पर विस्तृत चर्चा की।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए जयपुर से आये सेन्ट्रल केन्सिल सदस्य सीए प्रकाश शर्मा ने कहा कि आईसीएआई द्वारा समय-समय पर देशहित में दिये जाने वाले सुझावों को सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना प्रत्येक सीए के लिये गर्व की बात है। अब चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट की प्रतिस्पर्धा स्थानीय या राष्ट्रीय स्तर पर पर नहीं वरन् ग्लोबल लेवल पर हो गयी है।

बैंक ऑडिट के लिये मिलेगा सभी को समान अवसर – सीए शर्मा ने कहा कि आईसीएआई द्वारा बनाये गये सोफ्टवेयर के जरिये बैंक की ब्रान्च ऑडिट करने वाले चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स को एक सौ प्रतिशत अलाॅटमेन्ट का समान अवसर मिलेगा।

Download the UT Android App for more news and updates from Udaipur

सीए स्टूडेन्ट अब करा सकेगे रि-चैकिंग – जहाँ पूर्व में सीए स्टूडेन्ट परीक्षा की कॉपियों के पुर्ननिरीक्षण के लिये सिर्फ रि-टोटलिंग ही की जाती थी लेकिन अब वे काॅपियों की रि-चैकिंग करा सकेंगें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है।

सेम्पल ऑडिट का कन्सेप्ट समाप्त – शर्मा ने बताया कि अब सेम्पल ऑडिट का कन्सेप्ट समाप्त कर दिया है। एक सौ प्रतिशत ऑडिट होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

विशिष्ठ अतिथि एक्मे फाइनेंन्स के एमडी सीए निर्मल जैन ने कहा कि यदि किसी संस्था का प्रमोटर सीए है तो निश्चिन्त रहे कि उस संस्था में गड़बड़ नहीं होगी।

काॅन्फ्रेन्स डायरेक्टर सीए डाॅ. निर्मल कुणावत ने कहा कि आर्थिक स्तर पर मजबूत होते भारत के लिये यह कांफ्रेंस काफी महत्वपूर्ण है। प्रारम्भ में आईसीएआई की उदयपुर ब्रान्च के चेयरमेन सीए पंकज जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉन्फ्रेंस पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के अन्त में आभार ब्रान्च सचिव सीए विशाल मेनारिया ने आभार ज्ञापित किया।

शाम को प्रतिभागियों के लिये रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं अंताक्षरी का आयोजन किया गया। जिसमें सीए सदस्यों ने बढ़़चढ़ कर हिस्सा लिया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal