अक्षय कुमार ट्विंकल खन्ना को नेवी अफसरों ने भेजा नोटिस
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना और ऑक्शन हाउस साल्टस्काउट को फिल्म 'रुस्तम' में पहनी गई पोशाक की नीलामी के मामले में नेवी अफसरों ने कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि रुस्तम में पहनी गई पोशाक को यूनिफॉर्म बताकर नीलाम करना गलत है। ऐसा कर उन्होंने सैन्यकर्मियों और युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों और अफसरों की विधवाओं की भावनाएं आहत की हैं। नोटिस में अक्षय और ट्विंकल से पोशाक की नीलामी रद्द करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करने की बात भी कही गई है।
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार और उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना और ऑक्शन हाउस साल्टस्काउट को फिल्म ‘रुस्तम’ में पहनी गई पोशाक की नीलामी के मामले में नेवी अफसरों ने कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि रुस्तम में पहनी गई पोशाक को यूनिफॉर्म बताकर नीलाम करना गलत है। ऐसा कर उन्होंने सैन्यकर्मियों और युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों और अफसरों की विधवाओं की भावनाएं आहत की हैं। नोटिस में अक्षय और ट्विंकल से पोशाक की नीलामी रद्द करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करने की बात भी कही गई है।
उल्लेखनीय है कि नीलामी घर साल्टस्काउट ने अक्षय की उस पोशाक की ऑनलाइन नीलामी का जिम्मा लिया है, जिसे बॉलीवुड स्टार ने ‘रुस्तम’ में नेवी अफसर का किरदार निभाते हुए पहना था। बुधवार दोपहर तक पोशाक की 2,35,000 रुपये कीमत लग चुकी थी। पोशाक में इसमें एक शर्ट, पैंट और एक हैट शामिल है। नीलामी 26 मई की रात तक चलेगी।
‘रुस्तम’ में पहनी गई पोशाक की नीलामी को कुछ सैन्य अफसर और पूर्व सैन्य कर्मी गलत करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि अक्षय कुमार ने फिल्म में जो कपड़े पहने थे, वह एक कास्ट्यूम थी, न कि किसी सैनिक की वर्दी, जबकि ट्विंकल खन्ना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इसके लिए यूनिफॉर्म शब्द का इस्तेमाल किया है।
नोटिस में बॉलीवुड स्टार पर आरोप लगाया है कि पोशाक की नीलामी का राष्ट्रीय हित से कोई संबंध नहीं है। यही नहीं ऐसा कर अापने सशस्त्र बल कर्मियों, उनकी विधवाओं और उनके परिजनों की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ किया है।
नोटिस में कहा गया है, “वास्तविकता यह है कि आज तक कोई भी यूनिफॉर्म (वर्दी) या मेडल (पदक) की नीलामी नहीं हुई है। इसका कारण यह है कि एक अफसर की यूनिफॉर्म उसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा जीवनपर्यंत के लिए दिया जाने वाला सम्मान है। यह कोई करार नहीं, बल्कि इसमें देश की जिम्मेदारी उठाने की भावना शामिल है।”
जनवरी 2016 में पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने गाइडलाइन जारी की थी। इसमें सभी नागरिकों को सेना के पैटर्न की पोशाकें और दुकानदारों को सैन्य वर्दियां बेचना से मना किया था।
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