पन्नाधाय के बलिदान इतिहास को अपने गीत से प्रस्तुत कर प्रसिद्ध हुई नेहा पूर्व राजपरिवार की मेहमान बनी

पन्नाधाय के बलिदान इतिहास को अपने गीत से प्रस्तुत कर प्रसिद्ध हुई नेहा पूर्व राजपरिवार की मेहमान बनी

पन्नाधाय पर लिखी एक कविता को गाकर सोशल मीडिया के जरिये पूरे देशभर में अपनी पहचान बना चुकी मेवाड़ की बेटी नेहा वैष्णव ने अपने गुरूजनों के साथ उदयपुर में पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेन्द्र सिंह मेवाड, निरूपमा कुमारी और विश्वराज सिंह से मुलाकात की। मेवाड के शोर्य और पन

 

पन्नाधाय के बलिदान इतिहास को अपने गीत से प्रस्तुत कर प्रसिद्ध हुई नेहा पूर्व राजपरिवार की मेहमान बनी

पन्नाधाय पर लिखी एक कविता को गाकर सोशल मीडिया के जरिये पूरे देशभर में अपनी पहचान बना चुकी मेवाड़ की बेटी नेहा वैष्णव ने अपने गुरूजनों के साथ उदयपुर में पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेन्द्र सिंह मेवाड, निरूपमा कुमारी और विश्वराज सिंह से मुलाकात की। मेवाड के शोर्य और पन्नाधाय के बलिदान पर मधुर आवाज सुनकर पूर्व राजपरिवार के सदस्यो ने भी नेहा की खुब प्रशंसा की।

नेहा वैष्णव ने हाल ही में एक टुनामेंन्ट ने अपने गुरू के कहने पर पन्नाधाय के बलिदान पर एक कविता सुनाई थी, जिसके बाद नेहा का कविता का वीडियों इतना वायरल हुआ कि नेहा अब पूरे मेवाड से लेकर देशभर में अपनी कविता को लेकर खास पहचान बना चुकी है।

पन्नाधाय के बलिदान इतिहास को अपने गीत से प्रस्तुत कर प्रसिद्ध हुई नेहा पूर्व राजपरिवार की मेहमान बनी। नेहा को राजपरिवार के महेंद्र सिंह ने विशेष निमंत्रण पर अपने समोर बाग स्थित निवास पर बुलाया जहां नेहा ने एक बार फिर अपने उसी अंदाज में पन्नाधाय के बलिदान को दर्शाते हुए गीत की प्रस्तुति दी। नेहा के इस गीत को सुनकर राज परिवार के सभी सदस्य गदगद हो उठे। उन्होंने नेहा के उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके साथ ही नेहा के रेलमगरा कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय विद्यालय मैं बच्चों की तकनीकी शिक्षा के लिए कंप्यूटर लैब शुरू करने की घोषणा भी की।

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नेहा और राज परिवार को मिलाने मैं सूत्रधार रही उदयपुर की प्राची त्रिवेदी ने भी खास भूमिका निभाई। प्राची ने नेहा के वायरल वीडियो के आधार पर डूंगरपुर के एक कॉलेज के प्रदीप माहोलिया से संपर्क साधा, जिन्होंने इस वीडियो को वायरल किया था, जहां से उन्हें नेहा के स्कूल और घर का पता चला। इसके बाद आज प्राची के इस प्रयास से नेहा महाराणा उदयसिंह के वंशजों से मिल पाई, जिन उदयसिंह की वीरता को नेहा ने अपने गीत में बखुबी प्रस्तुत किया है। नेहा न सिर्फ मेवाड के इतिहास और पन्नाधाय के बलिदान को लेकर कविता सुनाई, बल्कि नेहा ने बेटियों को बचाने पर भी एक बेहद खुबसूरत कविता सभी को सुनाई।

नेहा कि इस प्रतिभा को देखकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेन्द्रसिंह मेवाड ने भी नेहा के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। नेहा के साथ इस विशेष मुलाकात मे स्कूल की प्राचार्या लक्ष्मी रेगर, संगीत शिक्षक राधेश्याम वैष्णव, घनश्याम दमामी और बजरंग सेना मेवाड़ के कमलेन्द्र सिंह पंवार भी मौजूद रहै।

नेहा वैष्णव एक गरीब परिवार से आती है और उसके पिता चाय का ठेला लगाते है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में पली-बढी नेहा पढाई और खेल में भी अव्वल है। नेहा कहती है कि स्कुल के शिक्षको ने यह कविता किसी ओर छात्रा को तैयार करवाई थी, लेकिन कार्यक्रम से पहले उस छात्रा की तबीयत खराब होने से उसे यह कविता गाने का मौका मिला। नेहा अपनी प्रसिद्धि का श्रेय अपने गुरूजनो और परिवारजनो को देने से भी नही चुकती।

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