नेफ़थलीन की एक गोली ने कर दी दोनों किडनी फेल

नेफ़थलीन की एक गोली ने कर दी दोनों किडनी फेल

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के नेफ्रोलोजिस्ट डाॅ गुलशन कुमार मुखिया ने 17 वर्षीय युवक के नेफ़थलीन की मात्र एक गोली के सेवन से उत्पन्न किडनी पर जटिल प्रतिक्रिया को प्रथम बार चिन्हित कर चिकित्सा इतिहास में नया दृष्टिकोण जोड़ा है। उन्होंने बताया कि अब तक के चिकित्सा इतिहास में 4 से 5 नेफ़थलीन गोली का एक साथ सेवन करने पर किडनी पर इस तरह की प्रतिक्रिया देखी गई थी। किन्तु इस रोगी में मात्र एक गोली से ही हुई प्रतिक्रिया

 

नेफ़थलीन की एक गोली ने कर दी दोनों किडनी फेल

गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के नेफ्रोलोजिस्ट डाॅ गुलशन कुमार मुखिया ने 17 वर्षीय युवक के नेफ़थलीन की मात्र एक गोली के सेवन से उत्पन्न किडनी पर जटिल प्रतिक्रिया को प्रथम बार चिन्हित कर चिकित्सा इतिहास में नया दृष्टिकोण जोड़ा है। उन्होंने बताया कि अब तक के चिकित्सा इतिहास में 4 से 5 नेफ़थलीन गोली का एक साथ सेवन करने पर किडनी पर इस तरह की प्रतिक्रिया देखी गई थी। किन्तु इस रोगी में मात्र एक गोली से ही हुई प्रतिक्रिया के कारण दोनों किडनी के फेल हो जाने पर चिकित्सक भी हैरान थे। तत्पश्चात् जांचों द्वारा यह निदान किया गया कि ऐसे व्यक्ति जिनमें जी6पीडी की कमी पाई जाती है उनमें यह प्रतिक्रिया हो सकती है। इस प्रतिक्रिया को हीमोलयसिस कहते है। इस रोगी में भी जी6पीडी की कमी के कारण एक ही गोली ने दोनों किडनी को फेल कर दिया था जिसका इलाज डायलिसिस द्वारा किया गया। इस बीमारी को हीम पिगमेंट नेफ्रोपेथी कहते है। रोगी अब स्वस्थ है।

क्या होता है हीमोलयसिस?

डाॅ मुखिया ने बताया कि शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं की सामान्य कार्य पद्धित के लिए जी6पीडी का होना आवश्यक है। यदि किसी में जी6पीडी की कमी हो और वह नेफ़थलीन की गोली या मलेरिया की दवाएं या ऐसी दवाइयां जो रक्त कोशिकाओं पर दबाव डालती है तो इन्हीं रक्त कोशिकाओं से ज़हर निकलता है जिससे रक्त कोशिकाएं बिखर जाती है और किडनी में जमना शुरु हो जाती है। जिसके परिणामस्वरुप किडनी फेल हो जाती है। इस प्रक्रिया को हीमोलयसिस कहते है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को भी बहुत कम कर देता है। क्योंकि इसी प्रक्रिया के दौरान ज्यादा मात्रा में हीमोग्लोबिन फिल्टर हो कर किडनी में जमा हो जाता है जिससे किडनी फेल हो जाती है।

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उदयपुर निवासी लक्ष्मण लाल मीणा (17 वर्ष) ने घर पर गलती से एक नेफ़थलीन की गोली खा ली थी। इसके बाद उसे उल्टियां शुरु हो गई एवं पेट में दर्द होने लगा। निजी हाॅस्पिटल में भर्ती रहने के बावजूद उसके सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। आपातकालीन स्थिति में परिजन उसे गीतांजली हाॅस्पिटल लाए जहां जांचों में उसकी दोनों किडनी फेल पायी गई। और हीमोग्लोबिन मात्र 3.6 ग्राम ही रह गया था। केवल एक ही गोली खाने पर रोगी की हालात इतनी विकट एवं गंभीर होने पर कई तरह की खून की जांचें की गई जिससे जी6पीडी की कमी की पुष्टि हुई। रोगी का तीन बार डायलिसिस होने के बाद रोगी अब स्वस्थ है और निकट भविष्य में भी उसे कोई परेशानी नहीं होगी।

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