सिटी पैलेस म्युजियम में पेंन्टिंग गैलेरी का शुभारंभ

सिटी पैलेस म्युजियम में पेंन्टिंग गैलेरी का शुभारंभ

सिटी पैलेस स्थित जनाना महल के भगवत प्रकाश में ‘पोर्टेट, किंग्स, लैड स्केप द प्रैक्टिस ऑफ पेंन्टिंग उदयपुर’ नामक पेंन्टिंग गैलेरी का शुभारंम्भ फाउण्डेशन के 52वें वर्ष के स्थापना दिवस पर किया गया
 
udaipur painting
इन चित्रों पर माउंटिंग और फ्रेमिंग के बहुत ही मुश्किल कार्य को भी जा सकता है देखा

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से सिटी पेलेस स्थित जनाना महल के भगवत प्रकाश में ‘पोर्टेट, किंग्स, लैड स्केप द प्रैक्टिस ऑफ पेंन्टिंग उदयपुर’ नामक पेंन्टिंग गैलेरी का शुभारंम्भ फाउण्डेशन के 52वें वर्ष के स्थापना दिवस पर किया गया है। यह गैलेरी मेवाड़ के दरबारी जीवन पर केन्द्रित है। डॉ. शैलिका मिश्रा ने गैलेरी के सेट-अप को महाराणाओं के दरबारी जीवन, सिसोदिया राजवंश की परम्पराओं के साथ ही चित्रकारों को प्रमुख कार्य-कलापों आदि को ध्यान में रखते हुए डॉ दिप्ती खेड़ा की सलाह अनुसार प्रदर्शित किया गया है। फाउण्डेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि यह गैलेरी उदयपुर के चित्रकारों की भूमिका और उनके कार्य-कौशल को दर्शाती है।

यहां उदयपुर के कलाकरों द्वारा पेंटिग्स की तकनीक को विडियो के माध्यम से भी प्रदर्शित किया गया है। जिसमें कलाकार अपने ब्रश से कागज और केनवास पर किस तरह अपनी कला को दर्शाता है। सदियों पुराने उन चित्रों को किस प्रकार संरक्षित व सुरक्षित किया गया की जानकारियों को साथ-साथ यह गैलेरी बाहर से आने वाले पर्यटकों को स्थानीय कलाकारों से रू-ब-रू होने का मौका भी प्रदान करेगी। गैलेरी में वर्कशॉप, लेक्चर आदि की एक शृंखला भी आयोजित की जायेगी। चित्रकारी में रूचि रखने वाले आर्टिस्ट संग्रहालय की सोशल मीडिया पर भी इसे देख सकत है। 

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की वित्तीय सहायता से इस गैलेरी को प्रदर्शित किया गया है। इन कलाकृतियों की संरक्षण परियोजना को संग्रहालय की अत्याधुनिक प्रयोगशाला में सलाहकार एस. गिरीकुमार के निर्देशन में किया गया। उदयपुर के कलाकारों को चित्रों के आकार के लिए भी जाना जाता है। जिसमें बेहद छोटे चित्र (लगभग 4 चौड़ाई) से लेकर अतिरिक्त सामान्य रुप से बड़े लगभग ( 60’’ चौड़ाई) तक है। इन चित्रों पर माउंटिंग और फ्रेमिंग के बहुत ही मुश्किल कार्य को भी देखा जा सकता है। गैलेरी का वास्तु संरक्षण कार्य को द्रोण फाउंडेशन की निर्देशिका डॉ. शिखा जैन द्वारा फाउण्डेशन की प्रमुख समन्वयक रहते किया है। भगवत प्रकाश कक्ष पूर्व में उदयपुर के महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ (सन् 1955-1984) और उनके परिवार का निवास स्थल था। वे मेवाड़ के 75वें संरक्षक और महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के संस्थापक थे।

20वीं शताब्दी के भगवत प्रकाश के मूल रूप को सावधानीपूर्वक वैसा ही रखा गया है जैसा वह था। यह गैलेरी इस प्रकार यहां सेट किया गया है जिससे ये कलाकृतियों दीर्घकाल तक सुरक्षित व संरक्षित रह सके। मेवाड़ के महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ ने वर्ष 1969 में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की स्थापना कर उदयपुर के सिटी पैलेस को म्युजियम के रूप में स्थापित कर इसे विकसित किया। संग्रहालय की स्थापना मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत और सम्मानित परम्पराओं की रक्षा और संरक्षण के लिए की गई। उदयपुर का सिटी पेलेस संग्रहालय मेवाड़ की विभिन्न निर्माण कलाओं को दर्शाता है। सिटी पैलेस परिसर मेवाड़ के 53वें महाराणा उदयसिंह ( सन् 1537-1572) से लेकर क्रमिक मेवाड़ संरक्षकों की व्यक्तिगत निर्माण शैलियों को दर्शाते हैं।

वर्तमान में मेवाड़ के 76वें वंशधर श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़, फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी है। श्रीजी आज उन चुनौतियों पर ध्यान दे रहे हैं। वे मेवाड़ की इस जीवंत विरासत को संसार के सम्मुख एक नायाब मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना चाहते है, जहां से विरासत संरक्षण की सीख मिल सके। सिटी पेलेस संग्रहालय मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह हमेशा से एक आत्मनिर्भर विकासशील केन्द्र है और एक जीवंत विरासत का आदर्श रूप भी जो आगे भी इसी तरह विकसित होता रहेगा। मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक में यहां कई कार्य योजनाएं आकार लेती है। 

हर साल, भारत और दुनिया भर से लगभग दस लाख से अधिक पर्यटक सिटी पैलेस संग्रहालय में मेवाड़ की विरासत के साक्षी बनते हैं। यह गैलेरी पर्यटकों के साथ-साथ शोधार्थियों, कलाकारो, इतिहासकारों, विद्यार्थियों, जिज्ञासुओं आदि को लाभान्वित करने वाली भी साबित होगी, इसकी अधिक जानकारी के लिए mmcf@eternalmewar.in पर देखा जा सकता है।

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