पेंशनर समाज का हिस्सा, उसके साथ अन्याय क्यों

पेंशनर समाज का हिस्सा, उसके साथ अन्याय क्यों
 

राजस्थान पेंशनर समाज का वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न

 
पेंशनर समाज का हिस्सा, उसके साथ अन्याय क्यों
कार्यक्रम में उदयपुर नगर एवं सभी तहसील उप शाखाओं के लगभग 800 पेंशनर ने भाग लिया। 

उदयपुर। राजस्थान पेंशनर समाज की जिला शाखा का कल नाईयों की तलाई स्थित तेरापंथ भवन में वार्षिक अधिवेशन हुआ। अधिवेशन में 70 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 205 पेंशनरों को पेंशनर अग्रज सम्मान, पेंशनर समाज रत्न एवं पेंशनर समाज भूषण से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में उदयपुर नगर एवं सभी तहसील उप शाखाओं के लगभग 800 पेंशनर ने भाग लिया। 

अधिवेशन के मुख्य अतिथि नगर निगम के महापौर जी.एस. टांक, विशिष्ठ अतिथि आर.एन.टी. मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. लाखन पोसवाल, उदयपुर सहकारी उपभोक्ता थोक भण्डार लि. के महाप्रबन्धक राजकुमार खाण्डीया, श्रीमती भारती राज अतिरिक्त निदेशक पेंशन थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डिम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत कुलपति उदयपुर ने की। 

अधिवेशन का प्रारम्भ मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। प्रारम्भ में अनिल शर्मा एवं आनन्द ने गणपति वन्दना प्रस्तुत की।

स्वागत उद्बोधन देते हुए अध्यक्ष भंवर सेठ ने पेंशनरों की कई ज्वलन्त समस्याओं पर चर्चा करते हुए सरकार से इन्हें शीघ्र दुरस्त करने की मांग की। उन्होंने प्रमुख मांगों को उठाते हुए कहा कि पेंशनर्स को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग का लाभ मिले। अभी इसमें एक वर्ष का विलम्ब चल रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशनरों को खासकर चिकित्सा पुनर्भरण योजना में कठिनाइयां आ रही है। 

न्यूनतम पेंशन व अन्य सुविधाएँ केन्द्र के समान करने व केन्द्र व राज्य में व्याप्त असमानताओं पर चर्चा की। साथ ही केन्द्र के समान सातवां वेतन आयोग लागू करने की मांग भी की। इसके साथ ही बिलों के भुगतान में आ रही कठिनाइयों और डायरियों से दवा प्राप्त करने की प्रक्रिया का भी सरलीकरण करने की मांग की। उन्होंने

राजस्थान सरकार को सुझाव दिया कि वह पंजाब और हरियाणा की सरकारों के काम को देखे और उसी आधार पर पेंशनर समाज का हित साधने का काम करें। वहां पर मेडिकल में 65 से 70 वर्ष की उम्र में 15 प्रतिशत, 70 से 75 तक 30 प्रतिशत, 75 से 80 की उम्र में 45, 80 से 90 की उम्र तक 60 प्रतिशत,90 से 95  तक की उम्र में 80 प्रतिशत और 95 से उूपर आयु होने पर सौ प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाती है। ऐसा ही नियम राजस्थान में लागू होना चाहिये।

श्रीमती भारती राज ने कहा कि वह हमेशा पेंशनर्स समाज की सेवा के लिए तत्पर हैं। जबसे उनकी उदयपुर में पोस्टिंग हुई है उन्होंने ऑफिस में जगह-जगह लिखवाया है कि रिश्वत लेना और देना अपराध है। अब शीघ्र ही वह ऑफिस के बाहर एक शिकायत और सुझव पेटिका भी लगाएंगी। उनका पूरा प्रयास हे कि पेंशनधारी बुजुर्गों को भटकना नहीं पड़े और बिना किसी परेशानी से उनका काम समय पर हों।

डाॅ. लाखन पोसवाल ने इस अवसर पर कहा कि अब तो सरकार ने दवा खरीदने की सीमा बढाने का प्रस्ताव भी स्वीकार कर लिया है जिससे पेंशनर्स को काफी सुविधा हो गई है। वर्तमान सरकार ने 90 जांचें और विभिन्न बीमारियों में काम में आने वाली 933 दवाओं को भी निःशुल्क कर दिया है। 

कार्यक्रम में पेंशनधारी व बुजुर्गों के लिए अलग से वार्ड बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि एमबी अस्पताल में यह वार्ड पूर्व में ही संचालित है लेकिन उसकी छत से पानी टपकने की शिकायत के बाद उसे कुछ समय के लिए बन्द कर दिया था क्योंकि उसकी छत रिपेयरिंग का कार्यचल रहा था। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों एवं पेंशनधारियों की हर तरफ से सहयोग के लिए तत्पर हैं।

आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर बीमारी का इलाज है। यही कारण है कि आज इंसान की औसत उम्र भी बढ़ी है। आज का बुजुर्ग अगर 90 साल का भी घर में है तो वह उपयोगी है।

महापौर जीएसटांक ने कहा कि वह इस समारोह में अतिथि की हैसियत से नहीं बल्कि एक पेंशनर्स के तौर पर आया हूं। उन्होंने सभी को साथ में मिल कर पेंशनर समाज के हितों की रक्षा करने का आव्हान किया।

प्रो़ एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि यह जो पेंशनर्स समाज है यह समाज का वो अंग है जिसने समाज को सींचा है। इन्होंने एक पूरी पीढ़ी ऐसी तैयार की है जो आज विभिन्न क्षेत्रों में रह कर समाज और देश की सेवा कर रही है। आप सभी ने तो जमाने को बदला है। आप बदलाव के अग्रज हैं। उन्होंने सभी से आव्हान किया कि अब आपका समय आध्यात्म की ओर जाने का है और जो आपके पास अनुभव का भण्डार है उसे समाज और खास कर युवा पीड़ी में बांटने का है। अब आपके जीवन में न टकराव की गुंजाईश है और ना ही तनाव की। 

कार्यक्रम के संयोजक कृष्णचन्द्र श्रीमाली ने सभी आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। आकाशवाणी के पूर्व उदघोषक राजेन्द्र सेन ने संचालन किया। इस अवसर पर रामदयाल खाण्डे, भंवर सिंह राठौड़, जगदीश शर्मा, मुरलीधर गट्टानी आदि उपस्थित थे।

इस सम्मेलन में पेंशनरों के व्यापक हितों के लिए किये जा रहे सेवा कार्यक्रमों के सहयोगियों का सम्मान किया गया जिनमें समाज सेवा में आर्थिक सहयोगी पेंशनरों को पेंशनर समाज गौरव व पेंशनर समाज रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।

इन्हें मिला पेंशनर समाज रत्नः मोहनसिंह गलुण्डिया, प्रतापसिंह खमेसरा, नारायण बन्धु और अशोक तालेटा जबकि पेन्शनर समाज भूषण से भगवतसिंह कोठारी को सम्मानित किया गया।
 

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