पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने आयोजित की गोष्ठी

पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने आयोजित की गोष्ठी

उदयपुर में कल रविवार 1 जुलाई 2018 को बार एसोसिएशन के सभागार में पी.यु.सी.एल. की गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में दक्षिण राजस्थान में लोगों के संवेधानिक अधिकारों की वस्तुस्थिति विषय पर चर्चा की गई जिसमें उदयपुर के आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शोधछात्र, अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोग, वकील एवं पत्रकार सहित 56 लोगों ने भाग लिया।

 

पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने आयोजित की गोष्ठीउदयपुर में कल रविवार 1 जुलाई 2018 को बार एसोसिएशन के सभागार में पी.यु.सी.एल. की गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में दक्षिण राजस्थान में लोगों के संवेधानिक अधिकारों की वस्तुस्थिति विषय पर चर्चा की गई जिसमें उदयपुर के आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, शोधछात्र, अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोग, वकील एवं पत्रकार सहित 56 लोगों ने भाग लिया।

गोष्ठी में पी.यु.सी.एल. उदयपुर इकाई के अध्यक्ष रमेश नन्दवाना द्वारा दक्षिण राजस्थान की समस्याएं एवं मानव अधिकारों की वस्तु स्थिति पर अपने विचार रखे। पी.यु.सी.एल. संगठन सशक्तिकरण एवं संगठन के कार्य तथा उद्देश्यों की जानकारी अश्विनी पालीवाल एवं अरूण व्यास द्वारा दी गई। गोष्ठी में विरेन्द्र लोबो एवं बी.एल. छानवाल द्वारा आदिवासियों के वनाधिकार एवं उनके मानव अधिकारों के हनन पर चर्चा की गई।

बोहरा यूथ के कमांडर मंसूर अली ने साम्प्रदायिक सद्भावना पर विचार रखें । एडवोकेट सलीम ने आदिवासियों पर हो रहे शोषण एवं अत्याचार की स्थिति सामने रखी। महेश वर्मा ने आदिवासी क्षेत्र में चल रहे आश्रम छात्रावास की दयनीय स्थिति पर अपने विचार रखें। सीमा सोनी एवं डा. जेनब बानू ने काम का अधिकार एवं गरीमामय जीवन जीने के अधिकार का मुद्दा उठाया। शोधार्थी मोहम्म्द हुसेन एवं आमोस मीणा द्वारा शिक्षा के अधिकार एवं समरसता के मुद्दे पर चर्चा कीं । कामरेड राजेश सिंधवी द्वारा खाद्य सुरक्षा से जुडी समस्या के मुद्दे उठाएं। हरीश सुहालका द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की गई। गगन, सुश्री रिजवाना एवं पत्रकार मुनिश अरोडा द्वारा जेल में बन्द बन्दियों के अधिकारों पर कार्य करने की आवश्यकता बताई। उषा चौधरी एवं कमलेश दवे द्वारा महिलाओं पर हो रहे अत्याचार एवं महिला हिंसा के मुद्दों पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

चर्चा में उठे मुद्दों पर क्रियान्वयन के लिए कमेटियों का गठन किया गया। इसमें मुख्यरूप से – आदिवासी एवं उनके वनाधिकार, शिक्षा, साम्प्रदायिक सद्भावना, बन्दियों के अधिकार, महिला हिंसा निवारण, भ्रष्टाचार, खाद्य सुरक्षा, काम का अधिकार एवं अत्याचार निवारण विषय पर कमेटियां बनाई गई। जिसमें उपस्थित लोगो ने स्वेच्छिक रूप से अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित की।

गोष्ठी में हिम्मत सेठ, महेश वर्मा, श्रीराम आर्य , प्रो. शरद जायसवाल, वकील मन्नाराम डांगी, जीनी श्रीवास्तव, राजेन्द्र समीझा, मदन, पीआर.सालवी, बाबू लाल गावरी एवं रामचन्द्र सालवी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

गोष्ठी में तय किया की राजस्थान के जनअधिकारों के मुद्दों पर निगाह रखी जाए। अखबार एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त सुचनाओं का अदान प्रदान किया जाएं , तथा जहां भी मानव अधिकार हनन के मामलों की सुचना मिले तो सभी सदस्य एकत्रित होकर उसके विरूद्व अपनी आवाज बुलन्द करें। भविष्य मे माह में एकबार मिलना तय किया गया।

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