21 जनजाति गावों को पूर्ण रूप से साक्षर करने का लिया संकल्प
शिक्षा केवल रोजगार ही नही अपितू जीवन जीने की कला भी सिखाती है। शिक्षित व्यक्ति का कोई शोषण या उसके अधिकारों का हनन नही कर सकाता। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का भी अधिक लाभ व
शिक्षा केवल रोजगार ही नही अपितू जीवन जीने की कला भी सिखाती है। शिक्षित व्यक्ति का कोई शोषण या उसके अधिकारों का हनन नही कर सकाता। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का भी अधिक लाभ वे परिवार ले पाते है जो शिक्षित एवं जागरूक है। समस्याओं के समाधान या कहे सभी तालो के एक चाबी है “शिक्षा”। उक्त विचार गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने विश्व साक्षरता दिवस पर शहर के खेलगांव स्थित युवा आवास में आई. आई. एफ. फाउन्डेशन, मुम्बई के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसिय सन्दर्भ शिक्षक प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर गायत्री सेवा संस्थान, परियोजना अधिकारी, सख्यिो की बाडी (बालिका शिक्षा कार्यक्रम) मनीष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज उदयपुर सम्भाग से आए संस्थान अन्तर्गत कार्यरत 100 सन्दर्भ शिक्षको ने संकल्प लिया कि वे लसाडिया पंचायत समिति के 6 राजस्व ग्राम, 5 सराड़ा पंचायत समिति, 5 सलुम्बर पंचायत समिति एवं 5 राजस्व गांव छोटी सादड़ी के पूर्ण रूप से साक्षर करेंगे।
IIFL फाउण्डेशन के प्रशिक्षण हेतु प्रवीण कुमार पानेरी ने बताया कि महिला साक्षरता दर में राजस्थान का नाम सबसे पिछडे राज्यों में लिया जाता है।फाउण्डेशन गायत्री सेवा संस्थान के साथ मिलकर उदयपुर सम्भाग में साक्षरता दर बढ़ाने हेतु प्रयासरत है। समापन कार्यक्रम में जिग्नेश दवे, भेरूलाल एवं प्रशिक्षक शान्तिलाल शर्मा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अन्त में भी प्रतिभागियों ने साक्षरता की अलख जगाने का संकल्प लिया।
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