महिला एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के बजट पर राजस्थान फोर्सेस ने किया मंथन


महिला एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य के बजट पर राजस्थान फोर्सेस ने किया मंथन 

मिड-डे मील योजना अंतर्गत बच्चों को 2 दिन के बजाए 6 दिन दूध देने का प्रावधान किया गया

 
mahila

उदयपुर 24 फरवरी 2023 । महिलाओं एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य से संबन्धित विभिन्न सेवाओं पर जो बजट इस वर्ष राजस्थान सरकार ने आवंटित किया है, उसका विश्लेषण करते हुए राजस्थान फोर्सेस (राजस्थान की 16 स्वयंसेवी संस्थाओं) ने एक स्वर में कहा कि इस वर्ष सरकार द्वारा सकारात्मक बजट प्रस्तुत किया गया जिसमे कुल बजट का 10.16% बजट बच्चों हेतु आवंटित किया गया है। 

प्रियदर्शनी डे-केयर सेंटर की शुरुआत की गई है। वहीं मिड-डे मील योजना अंतर्गत बच्चों को 2 दिन के बजाए 6 दिन दूध देने का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार की पालनहार योजना में 0-6 वर्ष के बच्चों को 500 रुपये की जगह 750 रुपये और 6-18 वर्ष के बच्चों को 500 रुपये की जगह 1000 रुपये की बढ़ोतरी स्वागत योग्य है।  

प्रारम्भिक बाल देखभाल एवं विकास से संबन्धित सेवाओं को भविष्य में बेहतर बनाने के उदेश्य से सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में आवंटित बजट पर अधिक ज़ोर दिये जाने की आवश्यकता है क्योंकि कुल बजट का मात्र 10.16 प्रतिशत सभी बच्चों के लिए आवंटित किया गया जबकि इस बजट का मात्र 1.66% बजट प्रारम्भिक बाल्य देखरेख व विकास देखभाल हेतु आवंटित किया गया है। राजस्थान में आंगनबाड़ी निर्माण हेतु पूर्व में 3.20% बजट आवंटित किया गया था जो कि अभी मात्र 2.40% है जो कि कम है।  

चर्चा के दौरान यह मांग रखी गई कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत नरेगा एवं अन्य मजदूर कार्यक्षेत्र के परिवारों के बच्चों हेतु पालनाघर की उचित सुविधा उपलब्ध हो। क्योंकि वर्तमान बजट मे राज्य सरकार ने अभी पालनाघर हेतु मात्र 0.58% बजट आवंटित किया है जो की आवश्यकतानुसार पर्याप्त नही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की किश्तों की शर्त इस प्रकार बनाई जाये जिससे की महिलाएं इससे लाभान्वित हो पाये।  

बाल देखरेख की सेवाओं को ओर अधिक सुदृढ़ करना, विशेष रूप से आंगनबाड़ी, पालनाघर के सभी भवन बच्चों के लिए सुरक्षित हो। जिसमें मूलभूत सुविधाएं जैसे सुरक्षित भवन, पानी बिजली एवं शौचालय की उचित व्यवस्था हो। इसी के साथ दुरुस्त इलाकों में बाल देखरेख सेवा सुनिश्चित कराई जानी चाहिए जिसके परिणाम स्वरूप कोई बच्चा सेवाओं से वंचित ना रहे।  

इसी क्रम में राजस्थान फोर्सेस के अंतर्गत आने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भिक बाल्यवस्था विकास पर आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दूसरे दिन हक़ संस्था द्वारा प्रारम्भिक बाल देखभाल व विकास पर बजट विश्लेषण प्रस्तुत कर विस्तृत चर्चा की गई थी। चर्चा में नेशनल फोर्सेस के सदस्य भी शामिल थे। 

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