राजस्थान को मेडिकल हब बनाने के लिए सरकार के आदेश जारी
राजस्थान में कोरोना महामारी में बने विकट हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब प्रदेश को बड़ा मेडिकल हब बनाने की मुहीम को वापस शुरू करने का निर्णय लिया है।
कोरोना संक्रमण में जिस तरह से मरीजों की संख्या बड़ी और ऑक्सीजन के साथ बेड की किल्लत हुई थी इसी बात को देखते हुए राजस्थान को मेडिकल हब बनाने के लिए सरकार ने आदेश जारी किए है। निजी सेक्टर के बड़े हॉस्पिटल ग्रुप राज्य में आए और नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज या मेडिकल से संबंधित अन्य गतिविधियां शुरू करें।
इसके लिए नियमों में कई तरह की रियायतें देने का निर्णय किया है। इसमें भू-उपयोग परिवर्तन (लैंड यूज चेंज), बिल्डिंग प्लान फीस सहित अन्य शुल्क में 100 फीसदी माफ करने का निर्णय किया है।
आपको बता दे कि पिछली सरकार ने भी इस ओर ध्यान दिया था, मगर वह मुहीम आगे नहीं बढ़ पाई। उस वक़्त यह मुहीम राज्य को मेडिकल टूरिज्म की ओर ले जाने में एक कदम था, मगर इस बार राज्य की स्वास्थय क्षमता को बेहतर बनाए के उद्ध्येश से यह कदम उठाया जा रहा है।
मेंडिकल हब बनने से कई लाभ मिलेगें। नए मेडिकल कॉलेज, अस्पताल या कोई फार्मा कंपनी अपनी यूनिट लगाती है तो उससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा राज्य मेडिकल टूरिज्म के रूप में विकसित होगा। दूसरे राज्यों या विदेशों से लोग इलाज के लिए राजस्थान आ सकेंगे। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, हैदराबाद जैसे बड़े शहर भारत के बड़े मेडिकल हब के तौर पर जाने जाते है, जहां बड़ी संख्या में देश-विदेश कंपनियों की मेडिकल यूनिट्स है और बड़े-बड़े अस्पताल है। राजस्थान में भी इस कदम से कई बड़ी मेडिकल यूनिट आएगी तो राज्य के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। एलॉपथी के अलावा यूनानी, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में भी राज्य अग्रसर होगा।
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